एनआईटी हमीरपुर में बिना सीओए एफीलिएशन के हो रही थी आर्किटेक्चर की पढ़ाई

हमीरपुर/ खबीस रुलिया राम

 

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रहे छात्रों के साथ प्रबंधन की चूक के कारण खिलवाड़ होने का मामला सामने आया है। दरअसल संस्थान में डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर को काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से अप्रूवल ना मिलने से यहां बखेड़ा खड़ा हो गया है। ऐसे में बी आर्क की पढ़ाई कर रहे छात्रों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। अब आलम यह है कि छात्र संस्थान से मांग कर रहे हैं कि उन्हें लिखित में गारंटी दी जाए कि अपनी डिग्री पूरी करने के बाद उन्हें काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर (सीओए) से लाइसेंस लेने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। बता दें कि देशभर में चलने वाले शैक्षणिक संस्थान जिनमें आर्किटेक्चर की पढ़ाई हो रही है उनको डिग्री के बाद लाइसेंसिंग के लिए काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से पंजीकरण का अप्रूवल मिलना जरूरी है। एनआईटी हमीरपुर में इसके विपरीत डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर शुरू हुए कई साल बीत चुके हैं लेकिन अभी तक काउंसिल आफ आर्किटेक्चर से एनआईटी हमीरपुर पंजीकृत नहीं हो सका है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि राष्ट्रीय स्तर के संस्थान ने इतनी बड़ी लापरवाही के लिए आखिर कौन जि मेदार है। बताते हैं कि एनआईटी में मौजूद समय में आर्किटेक्चर के छात्रों के लिए जितनी फेकल्टी मुहैया करवाई गई है काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के हिसाब से वे केवल 30 छात्रों को पढ़ा सकते हैं लेकिन यहां हर कक्षा में 55 से अधिक छात्र हैं।

छात्रों की मानें तो उनसे पहले जो छात्र आर्किटेक्चर की डिग्री लेकर यहां से गए हैं उन्हें काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर लाइसेंस नहीं दे रही है। ऐसे में कई छात्रों के लाइसेंस के साथ- साथ उनका भविष्य भी फंस गया है। यही नहीं बताया यह भी जा रहा है कि काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से जो लिस्ट संस्थान में आई है उसके अनुसार एनआईटी आर्किटेक्चर को पढ़ाने के लिए इलिजिबल ही नहीं है। इस नोटिफिकेशन के बाद से यहां विभिन्न सेमेस्टर में पढ़ाई कर रहे आर्किटेक्चर विषय के छात्र खुद को अनसिक्योर महसूस कर रहे हैं इसलिए वे संस्थान से लिखित में गारंटी मांग रहे हैं। उधर, एनआईटी हमीरपुर के प्रबंधन का तर्क है कि काउंसिल आफ आर्किटेक्चर से पंजीकरण के लिए पत्राचार किया जा रहा है। इस बाबत तीन से चार दफा लिखित तौर पर प्रक्रिया अपनाई गई है। प्रबंधन का यह दावा है कि जल्द ही काउंसिल से पंजीकरण की अप्रूवल मिल जाएगी।

छात्रों ने प्रबंधन को लिखा पत्र
विभाग के छात्रों ने बाकायदा लिखित तौर पर संस्थान के प्रबंधन को काउंसिल आफ आर्किटेक्चर से पंजीकरण अप्रूवल के मसले को समझाने की मांग उठाई है । प्रबंधन के नाम छात्रों ने एक खुला पत्र लिखा है जिसमें सभी के हस्ताक्षर हैं इस पत्र में काउंसिल ऑफ इंडिया से रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस के मसले को जल्द सुलझाने के साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ आर्किटेक्चर में व्यवस्था में सुधार की मांग भी की गई है। छात्रों ने इस पत्र में तर्क दिया है कि विभाग में स्टाफ की कमी है जिस वजह से शिक्षा का स्तर बेहद ही खराब है।

इसलिए जरूरी है सीओए से पंजीकरण
दरअसल शिक्षा मंत्रालय से किसी भी संस्थान में आर्किटेक्चर के पढ़ाई करने के लिए मंजूरी के साथ ही काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में पंजीकरण भी जरूरी होता है। क्योंकि पढ़ाई के बाद स्टूडेंट जब जॉब के लिए बाहर निकलेंगे तो उनका काउंसिल आफ आर्किटेक्चर लाइसेंस प्राप्त होना जरूरी है। यह लाइसेंस उन संस्थानों के विद्यार्थियों को दिया जाता है जोकि काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के साथ पंजीकृत हैं लगभग 4 साल का अरसा बीत जाने के बावजूद एनआईटी हमीरपुर की पंजीकरण की प्रक्रिया पूरा न होने पर अब विद्यार्थियों को अपने भविष्य का डर सताने लगा है।

कोट्स
काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर से पत्राचार किया गया है। छात्रों को दिक्कत पेश न आए इसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। संबंधित विभाग को इस विषय पर निर्देशित भी किया गया है। प्रो. एचएम सूर्यवंशी, डायरेक्टर एनआईटी हमीरपुर

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Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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