स्टेट ब्यूरो . शिमला
प्रदेश भर के सस्ते राशन के डिपुओं में अगस्त माह में दालों की सप्लाई अभी तक नहीं पहुंच पाई है। कारण साफ है कि तीन माह के टेंडर पूरे हो चुके हैं और नए टेंडर के रेट अभी तक तय नहीं हुए हैं। उसके बाद ही दालों की सप्लाई निगम के गोदामों को भेजी जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरा होने में अभी एक हफ्ते का समय लग सकता है। ऐसे में राशनकार्ड धारकों को इस माह दालों से बंचित रहना पड़ रहा है। यही नहीं प्रदेश के चार जिलों के डिपुओं में अभी तक चीनी का कोटा भी नहीं पहुंच पाया है। ऐसे में राशनकार्ड धारक डिपुओं से आधा अधूरा राशन उठाने को मजबूर हैं। उन्हें बाजार से महंगे दामों पर दालें व चीनी खरीदकर गुजारा करना पड़ रहा है। बता दें कि प्रदेश के 5044 सस्ते राशन के डिपुओं में अगस्त माह का दालों का कोटा अभी तक नहीं पहुंच पाया है। दालों के टेंडर न होने से इसमें देरी हो रही है। ऐसे में प्रदेश के करीब 19 लाख 27 हजार 71 राशनकार्ड धारकों के 73 लाख 80 हजार 164 उपभोक्ता दालों के कोटे से बंचित चल रहे हैं, जिन्हें बाजार से महंगें दामों पर दालें खरीदनी पड़ रही हैं। यही नहीं प्रदेश के मंडी, कुल्लू, हमीरपुर और ऊना जिला के राशनकार्ड धारकों को दालों के साथ-साथ चीनी का कोटा भी अभी तक नहीं मिल पाया है। जबकि अगस्त माह खत्म होने में 10 दिन शेष रह गए हैं। दालों के टेंडर नए सिरे से किए जाएंगें। ऐसे में इस प्रक्रिया को पूरा होने में अभी एक हफ्ते का समय लग सकता है। जबकि डिपुओं में अगस्त माह का राशन डिपो होल्डरों ने बांटना शुरू कर दिया है। इसके चलते प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को इस बार बिना दालों के ही राशन खरीदना पड़ रहा है। कई जिलों में दालों के साथ-साथ चीनी का कोटा भी नहीं मिल पा रहा है। राशनकार्ड धारक भी आधा अधूरा राशन मिलने से खासे परेशान हैं। क्योंकि राशनकार्ड धारकों को आधे अधूरे राशन से ही गुजारा करना पड़ा रहा है। ऊपर से इतना कम राशन मिलने से राशनकार्ड धारक वैसे ही परेशान है। महंगाई भी लोगों का खूब पसीना निकाल रही है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों को भी दो वक्त की रोटी का गुजारा करना भी दिन-प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है। क्योंकि बाजारों में सब्जियों के दाम पहले ही आसमान छू रहे हैं। अब ऊपर से सस्ते राशन के दुकानो में पूरा राशन ना मिलने से उपभोक्ता वैसे ही परेशान हैं।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh
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