स्टेट ब्यूरो. शिमला
हिमाचल पथ परिवहन निगम भी कैश-लैश होने जा रहा है। निगम इसकी शुरुआत बुकिंग काउंटरों से करने जा रहा है। यात्री अब नगद की बजाए क्यूआर कोड से भी अपनी सीटें बुक करवा सकेंगें। इसके लिए बुकिंग काउंटर कर्मचारियों की ट्रेनिंग शुरू हो गई है, ताकि प्रदेश के सभी डिपुओं के बुकिंग काउंटरों पर यात्री स्कैन के जरिए टिकट की पेमेंट दे सकें। जिसकी यात्री भी लंबे समय से डिमांड कर रहे हैं। बता दें कि एचआरटीसी प्रदेश के सभी डिपुओं के बुकिंग काउंटरों को कैश-लैश करने जा रहा है। इसके लिए प्रदेश के सभी डिपुओं के बुकिंग काउंटरों के कर्मचारियों की एक दिवसीय ट्रेनिंग शुरू हो गई, ताकि लोगों से कैसे ऑनलाइन कैश लेना है। इसकी जानकारी विस्तार से मुहैया करवाई जा रही है। ऐसे में एचआरटीसी के सभी बुकिंग काउंटर जल्द ही कैश-लैश होंगें। क्योंकि बुकिंग काउंटरों पर क्यूआर कोड लगाया जाएगा। यात्री उसे स्कैन करेक टिकट की ऑनलाइन पेमेंट दे सकेंगें। इससे जहां यात्रियों को भी राहत मिलेगी। वहीं बुकिंग काउंटर पर बैठे कर्मचारियों को भी छूटे देने से छुटकारा मिलेगा। अक्सर देखने में आया है कि यात्री बुकिंग काउंटर पर ऑनलाइन पेमेंट देने की बात करते थे, लेकिन निगम की ओर से कोई भी ऑनलाइन कैश लेने की सुविधा नहीं थी। ऐसे में बुकिंग कर्मचारियों को यात्रियों से बिना कैश के दूसरा कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में यात्रियों को कई बार एटीएम से पैसे निकालकर टिकट का भुगतान करना पड़ता था। यही नहीं कई बार यात्रियों को छूटे पैसे देने के लिए भी मशक्कत करनी पड़ती थी। हालांकि यात्री क्यूआर कोड लगाने की कई बार बुकिंग कर्मचारियों से बात करते थे, लेकिन बिना हायर अथोरटी के यह संभव नहीं था। अब जाकर एचआरटीसी ने इस ओर कदम बढ़ाए हैं।
ऐसे में यात्रियों को जल्द ही निगम के बुकिंग कांउटरों पर कैश देने व लेने की सुविधा से छूटकारा मिल जाएगा। जिसका यात्री भी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। क्योंकि देखने में आया है कि वर्तमान समय में एक रेहड़ी चलाने वाले दुकानदार ने भी अपनी रेहड़ी पर क्यूआर कोड लगा रखा है, ताकि अगर किसी के पास नगद पैसे नहीं है, तो वे ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भी सब्जियां इत्यादि खरीद सकता है। आजकल लोग कैश की बजाए ऑनलाइन पेमेंट पर ही ज्यादा जोर दे रहे हैं। निगम का यह प्रयास सफल रहा, तो आने वाले समय में यह सुविधा बसों में भी यात्रियों को मिल सकती है। अगर हम सीटीयू बस की बात करें, तो इनमें तैनात कंडक्टरों के पास जो हाईटैक मशीनें दी गई हैं, उसमें कार्ड स्वैप व स्कैन की सुविधा भी दी गई है। यात्री कार्ड के जरिए या फिर मोबाइल के स्कैनर से टिकट की पेमेंट कर रहे हैं।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh
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