भगवान कृष्ण ने कहा था …प्रेम का अर्थ किसी को पाना नहीं किन्तु उसमें खो जाना है

गीता में श्री कृष्ण ने कहा है, प्रेम का अर्थ किसी को पाना नहीं किन्तु उसमें खो जाना है. श्री कृष्ण कहते हैं की हमें प्रेम में त्याग करना पड़ता है. प्रेम वो नहीं है जिसे छीन कर या मांग कर लिया जाए बल्कि प्रेम वही है जहां त्याग है. श्रीकृष्ण कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति से ज्यादा लगाव हानिकारक बन जाता है.

कृष्ण का जन्म… 

भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष के रोहिणी नक्षत्र में कृष्ण जन्म के पावन अवसर पर प्रत्यक साल जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। ना केवल भारत में बल्कि विश्व के हर उस देश में जहां हिंदू धर्म का पालन करने वाले लोग निवास करते है, वहां कृष्ण जन्म जन्माष्टमी के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म के अनुसार भगवान कृष्ण का रूप विष्णु का दसवां अवतार था। भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष के रोहिणी नक्षत्र में अष्टमी तिथि को हुआ था।

श्रीकृष्ण कहते हैं … 

मनुष्य को स्वयं को ईश्वर में लीन कर देना चाहिए. ईश्वर के सिवाय मनुष्य का कोई नहीं होता है. इसके साथ ही यह मान कर कर्म करना चाहिए कि वह भी किसी का नहीं है. भोग से मिलने वाला सुख क्षणिक होता है जबकि त्याग में स्थायी आनंद मिलता है.

मोह किसी काम का नहीं होता है। व्यक्ति को जीवन में संतोष का भाव रखना चाहिए। ज्यादा लालच करने पर व्यक्ति अपना सुख और चैन खो देता है और आखिर में उसे कुछ हासिल नहीं होता है। श्रीकृष्ण कहते हैं कि जो जैसा आया था वो वैसा ही चला जाएगा।

श्रीकृष्ण के उपदेश…. 

श्रीमद्भागवत गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि यदि किसी काम को करने में डर लगे तो याद रखना यह संकेत है कि आपका काम वाकई में बहादुरी से भरा हुआ है.

गीता के अनुसार नेत्र केवल हमें दृष्टि प्रदान करते है परंतु हम कब किसमें क्या देखते है ये हमारी भावनाओं पर निर्भर करता है!

श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को स्वयं को ईश्वर में लीन कर देना चाहिए. ईश्वर के सिवाय मनुष्य का कोई नहीं होता है. इसके साथ ही यह मान कर कर्म करना चाहिए कि वह भी किसी का नहीं है.

भोग से मिलने वाला सुख क्षणिक होता है जबकि त्याग में स्थायी आनंद मिलता है. श्रीकृष्ण कहते हैं कि सत्संग ईश्वर की कृपा से मिलता है परंतु कुसंगति में भी मनुष्य अपने कर्मों से पड़ता है.

गीता के अनुसार, जीत और हार आपकी सोच पर निर्भर करती हैं, मान लो तो हार होगी और ठान लो तो जीत होगी.

श्री कृष्ण के अनुसार किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने के लिए अपने भीतर छिपे डर को खत्म करना चाहिए. यह सीख देते हुए कृष्ण ने अर्जुन को कहा था कि हे अर्जुन तुम निडर होकर युद्ध करो. अगर युद्ध में तुम मारे गए तो स्वर्ग मिलेगा और अगर जीत गए तो धरती पर राज मिलेगा

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Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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