कालका-शिमला रेलवे ट्रैक 72 दिन बाद बहाल, पहले दिन विदेशी मेहमानों समेत पहुंचे 150 यात्री

सोलन. विश्व धरोहर कहे जाने वाले कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर करीब दो माह बाद एक बार फिर से रौनक लौट आई है। दरअसल इस ट्रैक पर बंद पड़ी रेल सेवा एक बार फिर से बहाल हो गई। पहले दिन डेढ सौ के करीब पर्यटकों ने रेलगाड़ी में सफर किया। बुधवार को पहले ही दिन डेढ सौ में से करीब 40 विदेशी नागरिक रेल के माध्यम से यहां पहुंचे।

 

इनमें से 35 के लगभग यात्री धर्मपुर स्टेशन पर ही उतर गए जबकि दो पर्यटक सोलन तक आए जोकि इजरायली पर्यटक बताए जा रहे हैं। रेलवे विभाग सोलन द्वारा रेलगाड़ी में आए सभी पर्यटकों का भारतीय संस्कृति के अनुसार फूल व तिलक लगाकर स्वागत किया गया। यही नहीं पर्यटकों को इस खुशी के मौके पर चॉकलेट भी उपहार में दी गई । जानकारी के मुताबिक लगभग 72 दिन बाद कालका से सोलन तक रेल सेवा शुरू हुई है। पहले दिन रेल सोलन तक ही पहुंची . बता दें कि बरसात के कारण जगह-जगह ल्हासे इत्यादि गिरने से रेलवे ट्रैक जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया था जिसके चलते रेल सेवाएं यहां बंद हे गईं थीं।

 

ब्रिटिश राज में हुआ था ट्रैक का निर्माण

Kalka-Shimla रेलवे, उत्तर भारत में एक 2 फीट 6 इंच (762 मिमी) छोटी लाइन (नैरो-गेज) रेलवे है जो कालका से shimla तक के ज्यादातर पहाड़ी मार्ग से होकर गुजरती है। इसे यहाँ के पहाड़ियों और आसपास के गांवों के रमणीक दृश्यों के लिए जाना जाता है। ब्रिटिश राज के दौरान इस रेलवे का निर्माण भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला को शेष भारतीय रेल प्रणाली से जोड़ने के लिए 1898 और 1903 के बीच हर्बर्ट सेप्टिमस हैरिंगटन के निर्देशन में किया गया था।

Khabar Logy
Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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