चंबा। 49 वर्षों का एचआरटीसी ने सफर तय कर आज अपने स्वर्णिम वर्ष में प्रवेश कर लिया है। 2 अक्तूबर 1974 को हिमाचल गवर्नमेंट ट्रांसपोर्ट (HGT) का हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) में विलय कर स्थापना की गई थी। उस वक्त हिमाचल पथ परिवहन निगम के पास 665 बसें हुआ करती थी जिनकी संख्या आज 3400 तक पहुंच गई है .
इस वर्ष भर हिमाचल पथ परिवहन निगम किसी न किसी कार्यक्रम को अंजाम देता रहेगा ताकि हिमाचल की मुख्य लाइफ लाइन कही जाने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम की सेवाओं को और बेहतर बनाया जा सके। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने चंबा में यह बात कही। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 49 वर्ष पहले कुल्लू-मंडी स्टेट रोड को पथ परिवहन निगम में बदला गया था। तब से यह निगम प्रदेश की जनता की सेवा में जुटा हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में निगम की 3200 बसें 31 बस डिपो में हैं और राज्य के 3800 रूटों पर ये बसें दौड़ती हैं। उन्होंने कहा कि यह हिमाचल का सबसे बड़ी सेवा का माध्यम है।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में न तो हवाई सेवा है और न ही रेल सेवा। ऐसे में निगम की इस सेवा के माध्यम से हर दिन हजारों लोग अपनी आवाजाही को अंजाम देते है। उन्होंने कहा कि निगम अपने 50 वर्ष में प्रवेश कर गया है इसलिए इस 50वें वर्ष में हिमाचल पथ परिवहन निगम से जुड़े कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस सेवा को बेहतर बनाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि निगम के इस लंबे सफर को इसके कर्मचारियों, अधिकारियों व चालकों तथा परिचालकों की मदद से सफलतापूर्वक तक किया जा सका है। उन्होंने कहा कि इसके लिए निगम के सभी कर्मचारी, अधिकारी व सेवानिवृत कर्मी बधाई के पात्र है।
1974 को HGT बना था HRTC
2 October को हिमाचल पथ परिवहन निगम यानी एचआरटीसी का स्थापना दिवस है। इस साल हिमाचल की यह सरकारी बस सेवा स्वर्ण जयंती वर्ष में प्रवेश कर रही है।आज ही के दिन 2 अक्तूबर 1974 को हिमाचल गवर्नमेंट ट्रांसपोर्ट (HGT) का हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) में विलय कर स्थापना की गई थी। वर्तमान में एचआरटीसी प्रतिदिन हिमाचल के करीब 3400 रूटों पर बस सेवा संचालित कर रही है। 8000 के करीब कर्मचारी एचआरटीसी में कार्यरत हैं। प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्रों सहित देश के सबसे ऊंचे व लंबे रूट लेह से दिल्ली के लिए भी एचआरटीसी बस सेवा चला रही है।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh