धर्मशाला . देवभूमि हिमाचल के लोग या फिर बाहर से आने वाले सैलानी भले ही कितने भी आधुनिक हो जाएं लेकिन यहां की परंपराओं का निर्वहन करना नहीं भूलते। शायद यही परंपराएं और आस्थाएं इस खूबसूरत प्रदेश की शक्ति और पहचान है। धर्मशाला का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम वर्ल्ड कप का गवाह शनिवार को उसे वक्त बन गया जब बांग्लादेश की टीम ने पिच पर पहली गेंद डाली।
लेकिन उससे पहले हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने प्रदेश की परंपराओं और आस्थाओं का निर्वहन करते हुए स्टेडियम में कन्या पूजन करवाया जो की यह बताता है कि यहां के लोग हर कार्य को करने से पहले ईश्वर को साक्षी मान लेते हैं ताकि बीच में किसी तरह का विघ्न न रहे।मंदिर के पुजारी विपिन शर्मा ने कन्या पूजन करवाया।बताते हैं कि हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन एचपीसीए ने मैचों के लिए इंद्रू नाग मंदिर खनियारा में पूजा अर्चना की थी, इस दौरान इंद्रू नाग देवता के गुर ने मैदान में मैच शुरू होने से पहले पांच कन्या पूजन करने का देव आदेश दिया था। जिस पर आज एचपीसीए ने अफगानिस्तान-बांग्लादेश का मैच शुरू होने से पहले कन्या पूजन किया। इस मौके पर विशाल शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी कर्नल एचएस मिन्हास व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बीच पहला मैच
धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम में वर्ष 2005 से लेकर अब तक , कई मैच आयोजित हो चुके हैं। वनडे का मैच पांच साल के बाद हो रहा है। स्टेडियम में इससे पहले दस दिसंबर को भारत बनाम दक्षिण अफ्रीका के बीच एक दिवसीय मैच खेला गया था। उसके बाद यहां पर टी-ट्वेंटी व आइपीएल के कई मैच आयोजित हुए चुके हैं। , शनिवार को वर्ल्ड कप के एक दिवसीय मैच में अफगानिस्तान व बांग्लादेश के बीच शुरू हुए मैच की पहली गेंद गिरने के साथ ही एक और उपलब्धी एचपीसीए के क्रिकेट स्टेडियम के साथ जुड़ गई है।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh