हिमाचल दस्तक के एडिटर हेमंत कुमार की कलम से…
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आप लोग कहेंगे कि आज फिर गुलज़ार पर आ गया ये बंदा। असल में रविवार मेरे लिए थोड़ा गीत संगीत का दिन रहता है। बच्चों के साथ मस्ती का भी। आज तय किया कि आन्या को कुछ गीत एक पेनड्राइव में निकाल कर देता हूं। कुछ उसकी पसंद के कुछ अपनी पसंद के। इसी कड़ी में लेकिन फिल्म का मशहूर गीत-जूठे नैना बोले सांची बतियां भी आया। गुलज़ार साहब का लिखा और आशा भोसले जी का गाया। मैं हैरान था कि ज्यादातर गायकों ने यहां जूठे को झूठे कर दिया है। पूरा यूट्यूब (ओरिजिनल गीत को छोड़) झूठे नैना बोले से ही भरा पड़ा है। गीत पर अभिनय किया है हेमा मालिनी ने। अब कोई हेमामालिनी के भाव को समझ पाए तो साफ है कि वे जूठे नैनो की बात कर रही हैं।
मैं बार-बार कहता हूं कि गुलज़ार कब क्या कह रहे हैं, इसे समझने के लिए थोड़ा गहरा उतरना पड़ता है। यहां गुलज़ार उन नैनों की बात कर रहे हैं जिसे पहले से देखा जा चुका है। चखा जा चुका है। गुलज़ार खुद इससे जुड़ी दिलचस्प कहानी बताते हैं। जब ये गीत आया तो एक पत्रकार ने इस पर लंबा चौड़ा लेख लिख दिया। कहा कि आशा भोसले ने इसमें शब्द का उच्चारण ग़लत किया है। मतलब झूठे कहना था जूठे कहा है। गुलज़ार को भी साथ ही लपेट लिया कि ऐसी ग़लती गई कैसे। बाद में गुलज़ार को स्पष्ट करना पड़ा कि यहां जूठे नैनों की बात हो रही है झूठे की नहीं।
चलो बातों बातों में ये बात निकल गई तो मैनें सोचा सभी से साझा करता हूं। हो सकता है बहुत से लोग झूठे नैना ही गाते-समझते रहे हो????????
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh