NIT का आखिर कौन खराब कर रहा नाम, संस्थान के खिलाफ काम करने वालों की होगी पहचान

– NIT में गुपचुप तरीके से दुकान की दीवार तोडऩे के मामले में बड़ी कार्रवाई की तैयारी में एनआईटी प्रशासन

हमीरपुर. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में दो दिन छुट्टी की आड़ में गत शुक्रवार को गुपचुप तरीके से सामने आए दुकान की दीवार तोडऩे के मामले में इस घटनाक्रम में संलिप्त अधिकारियों में सोमवार को हड़कंप देखने को मिला। खासकर को निचले स्तर के अधिकारी दुकान की दीवार तोडऩे के इस मामले में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तरीके से संलिप्त हैं, उनकी सांसें भी फूली हुई नजर आईं। सोमवार को उस दुकान की शटर डाउन दिखा जिस की दीवार गुपचुप तरीके से तोडऩे का प्रयास किया गया था। निचले स्तर के अधिकारी पूरा दिन दुकानदारों से पूछताछ करते हुए नजर आए। यही नहीं आसपास जो अन्य दुकानदार हैं उनकी दुकानों में भी दिनभर चक्कर लगते रहे। हालांकि इस बात का खुलासा होने की भी बात कही जा रही है कि आखिर किसकी शह पर अलॉटी दुकानदार ने दुकान तड़वाने की हिम्मत कर डाली थी। लेकिन पेंच वहां फंस गया है कि सबकुछ मौखिक रूप से हुआ था लिखित में कुछ नहीं था। लेकिन जांच में दुकानदार से पूछा जाएगा कि आखिर उसने बिना किसी की अनुमति के दुकान तोडऩे की हिम्मत कैसे कर डाली।

उधर, जानकारी यह भी है कि मामला मंत्रालय तक पहुंच गया है। ऐसे में अब एनआईटी प्रबंधन इस केस में बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। ऐसा कहा भी जा रहा है कि लीगल ओनियन भी प्रबंधन ले रहा है। वहीं सोमवार को संस्थान के डायरेक्टर के यहां उपलब्ध न होने के कारण जांच कमेटी का भी गठन नहीं हो पाया। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि एनआईटी के डायरेक्टर और रजिस्ट्रार की मौजूदगी में एक कमेटी का गठन किया जाएगा ताकि संस्थान के भीतर इस तरह की जो प्रेक्टिस लंबे समय से चली आ रही है उसे रोका जा सके ताकि संस्थान की गिरती हुई साख को भी बचाया जा सके। ऐसा कहा जा रहा है कि संस्थान के भीतर ही मौजूद कुछ अधिकारी ऐसे हैं जो पूरा सिस्टम अपने तरीके से चलाने का प्रयास कर रहे हैं। यही नहीं वे अप्पर स्तर पर मनचाहे विभाग पाने तक की डिमांड करने लगे हैं। उन्हें संस्थान की रैंकिंग या साख से कुछ लेना देना नहीं है। वे एक पैरलर ग्रुप खड़ा करके सबकुछ अपने हिसाब से चलाने की तैयारी में हैं। इस बारे में दूरभाष पर संपर्क करने पर एनआईटी की रजिस्ट्रार डा. अर्चना ननॉटी का कहना था कि मामले में जांच करवाई जाएगी। डायरेक्टर सोमवार को संस्थान से बाहर थे उनके आने का इंतजार किया जा रहा है। मामले में निष्पक्ष जांच होगी। इसके लिए लीगल ओपिनियन भी लिया जाएगा।

क्या है NIT में दीवार तोड़ने का मामला


एनआईटी हमीरपुर में गत शुक्रवार को दो दिन (शनिवार और रविवार) अवकाश होने की आड़ में यहां संस्थान परिसर में एक सरकारी दुकान की दीवार को गुपचुप तरीके से तोड़ा जा रहा था। जैसे ही इस मामले की भनक लोगों को लगी तो बात मीडिया तक पहुंची और शनिवार को काम को वहीं रोक दिया गया। दरअसल एनआईटी हमीरपुर में वर्षों पहले शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण हुआ है। ताकि संस्थान में बीटैक, एमटेक, एमबीए और पीएचड़ी समेत आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को रोजाना की जरूरत के सामान को खरीदने के लिए संस्थान परिसर से बाहर ना जाना पड़े। संस्थान प्रबंधन इन दुकानों को ओपन नीलामी के माध्यम से ऊंची बोली पर कारोबारियों को आवंटित करता है। प्रत्येक दुकान का अलग-अलग मासिक किराया निर्धारित है। लेकिन यहां एसबीआई बैंक की ब्रांच के पास स्थित एक दुकान की दीवार को आगामी दो दिन अवकाश की आड़ में तोड़ दिया गया। दरअसल बीच की दीवार को गिराकर एक बड़ी दुकान बनाने का प्रयास किया जा रहा था। प्रबंधन को पूर्व में दो दुकानों से किराया आता था, लेकिन अब दीवार तोडऩे के बाद एक ही दुकान बनने से संस्थान को राजस्व के रूप में नुकसान होगा। लेकिन बिना मंजूरी कैसे दीवार को तोड़ दिया गया, यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

Khabar Logy
Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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