NIT में दीवार तोड़ने के मामले में जांच शुरू, प्रबंधन ने स्टेट ऑफिसर से लिखित में जवाब तलब किया

हमीरपुर. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) में पिछले दिनों गुपचुप तरीके से परिसर के भीतर तोड़ी गई दुकान का विवाद प्रबंधन तक पहुंच गया है। बताते हैं कि प्रबंधन की ओर से इस बारे में स्टेट ऑफिसर से एक दिन के भीतर लिखित में जवाब मांगा गया है कि आखिर एक दुकानदार ने बिना अनुमति के इस तरह सरकारी संपत्ति से छेड़छाड़ कैसे कर ली। उधर, सूत्रों की मानें तो स्टेट ऑफिसर ने भी यू टर्न लेते हुए कहा है कि उन्होंने ऐसे कोई भी अनुमति न ही तो लिखित में और न ही मौखिक रूप से दी है। यदि वाकयै में दुकानदार ने दीवार को बिना किसी की अनुमति के तुड़वाया है तो संबंधित मामले में एनआईटी प्रबंधन पुलिस में एफआईआर भी करवा सकता है और उस दुकानदार की अलॉटमेंट भी कैंसिल की जा सकती है।

बताते चलें कि एनआईटी परिसर के भीतर किसी भी तरह की अलॉमेंट करने चाहें दुकानें हों या रेजीडेंस, उनका रखरखाव करने संबंधि सारी पावर स्टेट ऑफिसर के पास होती है। मौजूदा समय में स्टेट ऑफिसर के पद पर प्रो. आरएस बांश्टू विराजमान हैं जोकि पहले एनआईटी के कार्यकारी रजिस्ट्रार भी रहे हैं। एनआईटी प्रबंधन ने स्टेट ऑफिसर से इस मामले में अब जवाब तलब किया है जोकि गुरुवार शाम तक उनका देना होगा। उधर, एनआईटी प्रबंधन सुर्खियों में आए इस मामले को बिना अंजाम तक पहुुंचाए छोड़ता हुआ नहीं दिखता क्योंकि यदि इस मामले में भी लीपापोती ही की गई तो एक तो अलॉटमेंट लेकर बैठे अन्य दुकानदारों में खराब संदेश जाएगा और कल को कोई भी इस तरह से मनमानि करने लगेगा दूसरा संस्थान प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग जाएगा।उधर, मामला मंत्रालय और हमीरपुर जिला से ताल्लुक रखने वाले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर तक भी पहुंचने की बात कही जा रही है।

गौरतलब है कि एनआईटी हमीरपुर में गत शुक्रवार को दो दिन (शनिवार और रविवार) अवकाश होने की आड़ में यहां संस्थान परिसर में एक सरकारी दुकान की दीवार को गुपचुप तरीके से तोड़ा दिया गया था। दरअसल एनआईटी हमीरपुर में वर्षों पहले शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण हुआ है। ताकि संस्थान में बीटैक, एमटेक, एमबीए और पीएचड़ी समेत आर्किटेक्चर की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को रोजाना की जरूरत के सामान को खरीदने के लिए संस्थान परिसर से बाहर ना जाना पड़े। संस्थान प्रबंधन इन दुकानों को ओपन नीलामी के माध्यम से ऊंची बोली पर कारोबारियों को आवंटित करता है। प्रत्येक दुकान का अलग-अलग मासिक किराया निर्धारित है। लेकिन यहां एसबीआई बैंक की ब्रांच के पास स्थित एक दुकान की दीवार को गिराकर एक बड़ी दुकान बनाने का प्रयास किया जा रहा था।

उधर, इस बारे में एनआईटी हमीरपुर की रजिस्ट्रार प्रो. अर्चना नानॉटी की मानें तो मामले में जांच की जाएगा। फिलहाल स्टेट ऑफिसर से इस बारे में लिखित में जवाब मांगा गया है।

Khabar Logy
Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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