शिमला . क्रिप्टोकरेंसी ठगी मामले में एसआईटी द्वारा मास्टरमाइंड अभिषेक को दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद रविवार को हिमाचल के छह जिलों में 41 जगहों पर पुलिस ने रेड की। इन छह जिलों में सबसे अधिक जिला हमीरपुर में जांच टीम ने 25 स्थानों पर रेड की है। इसके अलावा कांगड़ा में सात, बिलासपुर में चार, मंडी और कुल्लू में दो-दो तथा सोलन में एसआईटी ने एक जगह दबिश दी। धीरे-धीरे आगे बढ़ रही इस मामले में जांच में जो साक्ष्य सामने आ रहे हैं वो बड़े ही चौँकाने वाले हैं। अभी तक की जांच मं सामने आया है कि जो एजेंट थे उन्होंने थोड़े ही समय में अथाह संपत्ति जुटा ली है। बड़े-बड़े आलीशान घर, महंगी घाडिय़ां, विभिन्न जगहों पर जमीनों की खरीद, महिला एजेंटों द्वार महंगे गहने इत्यादि सब इस ठगी के खेल में बनवाया गया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि ठगी के इस खेल में जिन लोगों ने पैसे लगाए और जो लोग आगे एजेंट बने हैं उनमें आम आदमी से लेकर पुलिस महकमे के मुलजिम और अधिकारी, पूर्व सैनिक, डाक्टर, टीचर, दूसरे सरकारी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी सब शामिल हैं। यानि एजेंटों ने हर वर्ग को टच किया। खासकर पुलिस जैसे विभागों के लोगों को इसलिए भी साथ मिलाया गया ताकि ठगी के इस खेल की विश्वसनीयता बने और ज्यादा से ज्यादा लोग इस धंधे में जुड़ें। हमीरपुर के एक हेड कांस्टेबल ने तो इस धंधे से हो रही मोटी कमाई को देखते हुए नौकरी से ही रिटायरमेंट ले ली थी। हालांकि बाद में उसे पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। उधर, शिकायतें यह भी आईं कि जिन लोगों ने पुलिस के लोगों के पास पैसा जमा करवाया था वो जब अपना पैसा वापस मांगते थे तो उन्हें डराया भी जाता था।
लेकिन जिस तरह से एसआईटी एक के बाद एक परत से परदा उठा रही है उससे एक बात तो साफ है कि आने वाले समय में कई ऐसे चेहरे पुलिस समेत विभिन्न विभागों से बेनकाव होने वाले हैं कि लोगों को यकीन करना मुश्किल हो जाएगा कि इपनी ईमादारी की डींगे हांकने वाले और चेहरे पर हमेशा मासूमियत और शराफत ओढऩे वाले अधिकारी भी ऐसा कर सकते हैं।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh