शिमला. क्रिप्टो ठगी मामले की धरपकड़ के लिए हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा गठित एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने राज्यभर में आरोपियों को ढंूढ-ढंूढकर पकड़ रही है। इस स्कैम में अभी तक 18 से अधिक आरोपी पकड़े जा चुके हैं जिनमें आम व्यक्ति से लेकर पुलिस कर्मी तक शामिल हैं। उधर, सरकार की ओर से ाी संकेत दिए गए हैं कि प्रदेशभर के पांच हजार सरकारी मुलाजिमों ने 25 हजार करोड़ के क्रिप्टो करेंसी में पैसा इन्वेस्ट किया है। एसआईटी की इस धरपकड़ के साथ-साथ जो खुलासे हो रहे हैं वे भी चौंकाने वाले हैं। सूत्रों की मानें तो शुरू-शुरू में जिन सरकारी मुलाजिमों ने पैसा लगाया था उन्हें इंप्रेस करने और आगे लोगों को इंप्रेस करने के लिए इनके विदेशी टुअर भी करवाए गए जहां उनके ठहरने से लेकर खाने-पीने और हर शोक को पूरा करने की व्यवस्था की जाती थी। कुछ दुबई, कुछ थाइलैंड तो कुछ गोवा घूमकर आए हैं। जब इन सरकारी मुलाजिमों ने ऐश परस्ती करने के बाद दूसरे लोगों से अपने जीवन में एकाएक हुए बदलाव के अनुभव साझा किए तो लालच में आए लोगों ने भी आंखें मूंदकर इसमें पैसा लगाया। कइयों ने फोरलेन में गई जमीनों के मिले मुआवजे को इंवेस्ट किया, कइयों ने गहने बेचे, कइयों ने लोन लिए तो कइयों ने रिश्तेदारों से उधार मांगकर ठगी के इस खेल में पैसा लगाया। आम आदमी इस कारण ठगी के इस खेल में फंस गया कि उन्हें लगा कि जब सरकारी नौकरी वाले और यहां तक कि पुलिस वाले भी इस धंधे में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो चिंता किस बात की है। बताते हैं कि शुरू-शुरू में जिन्होंने पैसा लगाया उन्हें सच में करोड़ों का फायदा भी हुआ लेकिन बाद में सबका पैसा डूब गया। जो पुलिस के मुलाजिम या दूसरे महकमों के लोग शुरू में मालामाल हुए उन्होंने रिटायरमेंट ले ली थी। अब एक-एक करके सब शिकंज में फंस रहे हैं। जानकारी है कि एसआईटी को प्रदेशभर में क्रिप्टो के कारण हुए फ्रॉड की 300 के लगभग शिकायतें मिल चुकी हैं। हिमाचल में क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर अभी 2500 करोड़ के घोटाले की बात सामने आई है।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh