हमीरपुर. राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान हमीरपुर (एनआईटी) के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और उनके छात्रों ने बिजली बिल को कम करने के लिए एक पेटेंट तैयार किया है जिसे भारत सरकार से स्वीकृति भी मिल गई है। इन डॉ. रोहित धीमान (एसोसिएट प्रोफेसर), प्रो. राजीवन चंदेल और छात्र एम. चेतन चौधरी, वी. रवि तेजा और टी. अनिरुद्ध शामिल हैं। इनके पेटेंट इंटरनेट ऑफ थिंग्स सक्षम ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली को भारत सरकार ने स्वीकृति दे दी है। इन्होंने विद्युत उपकरणों की ऊर्जा खपत की निगरानी और नियंत्रण के लिए एक नई प्रणाली का अविष्कार किया है। इसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स के माध्यम से डिजाइन किया गया है। इससे उपभोक्ताओं का बिजली का बिल कम हो सकेगा।
वर्तमान अविष्कार में विद्युत प्रवाह को निर्धारित करने के लिए सेंसर नोड्स शामिल हैं। आविष्कार की प्रणाली में, जब बिजली खपत थ्रेशोल्ड से अधिक हो, तब विद्युत स्विच को बंद करने के लिए और माइक्रोकन्ट्रोलर को संदेश भेजने के लिए कॉन्फिंगर किया गया है। इसके अलावा, ऑन-टाइम/ ऑफ-टाइम विश्लेषण, और मोबाइल जैसे कंप्यूटिंग डिवाइस पर विद्युत उपकरण की ऊर्जा खपत का प्रतिपादन, वर्तमान आविष्कार की अन्य महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं। इस प्रणाली को किल-बिल नाम भी दिया जा सकता है।
प्रो. एच.एम. सूर्यवंशी निदेशक ने पेटेंट स्वीकृति पर प्रसन्नता व्यक्त की और डॉ. रोहित धीमान और प्रो. राजीवन चंदेल को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह एनआईटी हमीरपुर के लिए गर्व का क्षण है।
डा. धीमान के नाम पहले भी उपलब्धियां
बता दें कि डॉ. रोहित धीमान वर्तमान में एनआईटी हमीरपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार से यगं फैकल्टी रिसर्च फेलोशिप भी प्रदान की है। उन्होंने विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड भारत सरकार, नई दिल्ली से युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से स मानित किया जा चुका है। उन्होंने पांच तकनीकी पुस्तकें भी लिखी हैं।
प्रो. चंदेल कई छात्रों की गाइड
जबकि प्रो. राजीवन चंदेल वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और दो कार्यकाल के लिए विभागाध्यक्ष भी रही हैं। डॉ. चंदेल डीन (रिसर्च एंड कंसल्टेंसी), और डीन (अकादमिक), एनआईटी हमीरपुर भी रही हैं। उनके पास विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रायोजित छह परियोजनाएं हैं। उन्होंने 8 पीएचडी और 50 से अधिक स्नातकोत्तर छात्रों के लिए गाइड की भूमिका निभाई है। उनके साथ कई पीजी और पीएचडी छात्र पंजीकृत हैं।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh