हमीरपुर. हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत करीब 2800 डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर सड़कों पर उतर आए हैं. वीरवार को प्रदेश भर के डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। अपनी मांगों को लेकर हमीरपुर के गांधी चौक पर हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉक्टर सुरेंद्र डोगरा की अगुवाई में डॉक्टरों ने रोष मार्च निकाला और सरकार से एनपीए सहित अन्य मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की । डॉक्टर का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को नहीं सुन रही है और वह पिछले लंबे समय से इसे हल करवाने के लिए कोशिश कर रहे हैं हजारों डॉक्टर के हड़ताल पर चले जाने से प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं ।
उन्होंने कहा कि धरती पर डॉक्टर को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है लेकिन बड़े दुख की बात है कि आज यह भगवान अपनी मांगों के लिए सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं । उन्होंने कहा कि गुरुवार को सभी डॉक्टर सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं हालांकि इससे मरीजों को काफी असुविधा हो रही है लेकिन यह सब उन्हें मजबूरी में करना पड़ रहा है ।
हिमाचल प्रदेश मेडिकल एसोसिएशन हमीरपुर के प्रधान डॉक्टर सुरेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी पिछले काफी समय से कई मांगे लंबित पड़ी हुई है लेकिन सरकार उनका हल नहीं निकल रही है जिसकी वजह से मजबूर उन्हें सामूहिक अवकाश लेकर सड़कों पर उतरना पड़ा है । उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में एनपीए, अन्य विभागों के लोगों को स्वास्थ्य विभाग में प्रोग्राम ऑफिसर लगाना, प्रमोशन सेवा विस्तार और एशियाड टीम में जिसमें 8th कंट्रोल कमेटी में स्थाई पद पर डॉक्टरों की नियुक्ति न करना प्रमुखता शामिल है । उन्होंने कहा कि आज सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए सरकार ने उन्हें मजबूर किया है और सरकार ही इसके लिए जिम्मेदार है डॉक्टर वर्ग सरकार से इसे लेकर नाराज है।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh