हमीरपुर. अपने होठों को तबस्सुम को सजाये बैठे हैं जख्म गहरे हैं मगर छिपाए बैठे हैं…। एक शायर की लिखी ये पक्तियां इतना बताने और समझाने के लिए काफी हैं कि दिल न चाहे भी तो कई बार चलना पड़ता है सबकी खुशी के लिए या फिर मजबूरी के लिए। दरअसल कुछ ऐसा ही मंजर गुरुवार को जिला हमीरपुर में उस वक्त देखने को मिला जब कांग्रेस से बागी होकर भाजपा ज्वाइन करने वाले दो पूर्व विधायक और एक निर्दलीय विधायक का स्वागत करने के लिए भाजपा का आम कार्यकर्ता से लेकर दिग्गज नेता उनके विधानसभा क्षेत्रों में फूलों की मालाएं हाथ में लिए खड़े नजर आए।
बात यहीं खत्म नहीं हुई भाजपा के ये नेता उनके समर्थन में नारेबाजी करते हुए भी नजर आए। वही नेता जो कभी अपने प्रेस ब्यानों तो कभी जनसभाओं में उनका ‘चीरहरणÓ करने में कोई कसर नहीं छोड़ा करते थे। खैर, वो अब गुजरे जमाने की बातें हुई। क्योंकि बात कमल से सुसज्जित भगवा पटके की है जिसका सम्मान करना और करवाना भाजपा जानती है, इस बात का एक संदेश भी इन कार्यक्रमों के माध्यम से जनता में गया। संदेश यह भी गया कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है और हाईकमान के आदेश यहां सर्वोपरी होते हैं और सबको मानने पड़ते हैं। गुरुवार को सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, बड़सर के एक्स एमएलए इंद्रदत्त लखनपाल और हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा जैसे ही अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचे तो तीनों मंडलों के अध्यक्षों प्रो. विक्रम राणा, जसवीर पटियाल व आदर्शकांत से लेकर महिला मोर्चा, युवा मोर्चा से लेकर पूर्व विधायक, पूर्व जिलाध्यक्ष व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों सिकंदर कुमार, राकेश जंबाल व विक्रम ठाकुर समेत काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया।
इस दौरान तीनों नेताओं के समर्थक जोकि पूर्व में कांग्रेस विचारधारा से जुड़े रहे हैं वे भी मौजूद रहे जोकि काफी उल्लासित और उत्साहित नजर आए। इन स्वागत कार्यक्रमों के दौरान फिलहाल राजेंद्र राणा के अलावा किसी का खुलकर विरोध नहीं हुआ। राजेंद्र राणा का विरोध करने वाले भी कांग्रेस के कुछ वो लोग अणु चौक पर नजर आए जो लंबे समय से मानों खुद को मुख्यमंत्री की नजरों में लाना चाह रहे थे और उनके हाथ में बड़ी मुश्किल से यह मौका आया था। यहां राणा को काले झंडे दिखाए गए और कुछ देर नारेबाजी भी होती रही। उधर, दूसरी ओर इन नेताओं के स्वागत कार्यक्रमों में प्योर भाजपाइयों की वो फौज खड़ी थी जिनके निशाने पर हमेशा ये तीनों कभी रहा करते थे। बात यहीं तक खत्म नहीं हुई तीनों विधानसभा क्षेत्रों में हुई जनसभाओं में मंडल अध्यक्षों से लेकर सभी भाजपा नेताओं ने बारी-बारी से अपने संबोधन में उपुचनाव में सबसे उनका समर्थन करने की अपील भी की।
तीनों नेताओं ने भी सबसे पुरानी बातें भूलकर आगे बढऩे और सहयोग की उम्मीद की। गुरुवार को भाजपा का गढ़ और सत्ता का केंद्र कहे जाने वाले हमीरपुर ने एक बात पर मुहर लगा दी कि राजनीति में सबकुछ संभव है। यहां संभावनाएं हमेशा रहती हैं, हां भावनाओं के लिए सियासत में कोई स्थान नहीं हो सकता। दो-दो मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्री के जिले की सियासत आने वाले समय में और कितने रंग दिखाएगी यह तो अभी कहना मुश्किल और जल्दबाजी होगा लेकिन सुजानपुर के कुछ भाजपा नेता आज जरूर कह रहे होंगे कि ‘ हमको राणा जी माफ करना…।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh