बड़सर में कांग्रेस को ब्राह्मण चेहरे की तलाश, विधानसभा क्षेत्र में एडवोकेट रोहित शर्मा और संजीव शर्मा के नाम की चर्चा

बड़सर. हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में जहां लोकसभा प्रत्याशी को लेकर कांग्रेस में पेंच फंसा हुआ है वहीं मु यमंत्री के गृहजिले में बड़सर विधानसभा क्षेत्र में ाी पार्टी को कोई सशक्त चेहरा नहीं मिल पा रहा है जो लगातार तीन टर्म के विधायक रहे और वर्तमान भाजपा प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल को टक्कर दे सके। ब्राह्मण बहुल इस विधानसभा क्षेत्र में जहां पार्टी के कुछ कार्यकर्ता अपनी-अपनी गोटियां फिट करने में लगे हैं वहीं आमजन जी जुबान कहती है कि यदि मु यमंत्री को इस इलाके में विजय दिलानी है तो ब्राह्मण के आगे ब्राह्मण ही चुनावी रण में उतारना होगा। लेकिन सवाल वहीं आकर खड़ा हो रहा है कि क्या इस हलके में ऐसा कोई चेहरा है जो सीधे इंद्र के जाल को भेद सके। कांग्रेस में तो फिलहाल वहां से ऐसा कोई चेहरा नजर नहीं आ रहा। तो क्या पूर्व की भांति कांग्रेस बाहर से प्रत्याशी लाकर उसे उपचुनाव में उतारेगी। आपको बता दें कि इस हलके में कांग्रेस का यह इतिहास रहा है कि यहां पार्टी ने बाहर से प्रत्याशी लाकर विधानसभा के चुनाव लड़वाए हैं। फिर चाहे संसदीय क्षेत्र के पहले सांसद प्रेम चंद वर्मा हों, राजेंद्र जार हों, विद्या जार हो या फिर यहां से तीन बार के विधायक और वर्तमान भाजपा प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल हों। इन सबको पार्टी ने बाहर से यहां लाकर चुनाव लड़वाया। इन सबमें इंद्रदत्त पर किया प्रयोग काफी सफल ाी रहा लेकिन बिडंवना यह है कि अब वो पाला बदल चुके हैं।

हालांकि पूर्व कांग्रेस विधायक मंजीत सिंह डोगरा, प्रदेश कांग्रेस महासचिव कृष्ण चौधरी, एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक रूबल ठाकुर, राजेश बनयाल सरीखे नेता यहां से टिकट की कतार में हैं लेकिन सवाल वही कि इंद्रदत्त लखपाल को क्या टक्कर दे पाएंगे।
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस यहां भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ चुके संजीव शर्मा और कांग्रेस से जिला प्रवक्ता व स्टेट बार काउसंसिल के वाइस प्रेसीडेंट रोहित शर्मा एडवोकेट के नाम पर भी मंथन कर रही है। दोनों में एक बात कॉमन यह है कि दोनों ही ब्राह्मण बिरादरी से आते हैं। दूसरी बात यह है कि संजीव दूसरी पार्टी से हैं और रोहित दूसरे विधानसभा क्षेत्र से। संजीव के घर बड़सर हलके में हैं और रोहित के ननिहाल समेत लगभग सारी 90 प्रतिशत रिश्तेदारी बड़सर विधानसभा क्षेत्र में है। दोनों में जो कॉमन बात नहीं है वो यह कि टिकट मिलने की स्थिति में बड़सर कांग्रेस में संजीव का विरोध हो सकता है लेकिन रोहित शर्मा का नहीं होगा क्योंकि वे ठेठ कांग्रेसी हैं। रोहित हमीरपुर  हलके से हैं। वे CM ठाकुर सुखविंद्र के बहुत करीबी हैं और उनकी पसंद भी हैं। ऐसे में राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि यदि कांग्रेस बाहरी व्यक्ति पर ही प्रयोग करना चाहती है तो रोहित शर्मा परफेक्ट चेहरा हो सकते हैं। अब पार्टी की पसंद क्या रहती है इस बात से पर्दा उठना बाकी है।

Khabar Logy
Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

Leave a Comment

error: Content is protected !!