हमीरपुर के BJP MLA आशीष शर्मा बिकाऊ नहीं टिकाऊ हैं, जनतंत्र ने दूसरी बार जिताकर लगाई मुहर

हमीरपुर . विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर में इस बार हुए उपचुनाव के नतीजों ने यह बात सिद्ध कर दी है कि हमीरपुर की जनता की नजरों में आशीष शर्मा बिकाऊ नहीं बल्कि टिकाऊ विधायक हैं और हमीरपुर की जनता उन्हें अपना बेटा मानती है। चुनाव प्रचार के दौरा जिस तरह से आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चला कांग्रेस हर मंच से सवाल पूछती रही कि आखिर निर्दलीय विधायक ने इस्तीफा क्यों दिया उसे देखते हुए मुकाबला बड़ा ही कड़ा माना जा रहा था। ऊपर से मु यमंत्री, उपमु यमंत्री और केबिनेट मंत्रियों की रैलियां और नुक्कड़ सभाओं ने आशीष को पूरी तरह से चक्रव्यूह में फंसा लिया था। लेकिन शायद हमीरपुर की जनता कुछ और ही मन बनाकर चल रही थी। इतने कड़े सियायी चक्रव्यूह से निकलकर आए आशीष के चुनाव नतीजे इस बात की गवाही दे रहे हैं कि कहीं न कहीं जनता का मन यह मानने के लिए तैयार नहीं था कि उनका बेटा बिकाऊ हो सकता है। शायद यही वजह रही कि हमीरपुर क लोगों ने दिल की आवाज सुनी और आशीष के पक्ष में वोट किया।

दरअसल शुरुआत में प्रचार के दौरान जिस तरह का राजनीतिक माहौल बनने लगा तो उसे देखकर ऐसा माना जा रहा था कि कांग्रेस प्रत्याशी बहुत बड़े मार्जिन से जीत हासिल करेंगे। दोनों तरफ से चुनाव प्रचार होता रहा कार्यकर्ता और पदाधिकारी आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे लेकिन एकाएक ही हमीरपुर का वोटर साइलेेंट हो गया था।जनता कहीं से भी किसी का विरोध नहीं कर रही थी जो भी उनके पास आ रहा था उसका पूरे अदब से लोग इस्तकबाल कर रहे थे। शायद मु यमंत्री का गृहजिला होने के कारण कोई भी सामने आकर विरोध करने की हि मत नहीं जुटा पा रहा था। लेकिन जनता ने पहले ही मन बना लिया था कि उन्होंने क्या करना है। गौरतलब है कि एक माह पहले बड़सर सीट के उपचुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी की जीत के बाद कई तरह के सवाल उठना शुरू हो गए थे।उपचुनाव परिणाम जीतने के बाद जनता के बीच आए आशीष शर्मा ने कहा कि उनके बारे में भले ही चुनावों में कांग्रेस ने दुष्प्रचार किया लेकिन उन्हें हमीरपुर की जनता और अपने महादेव पर पूरा यकीन था। उन्होंने कहा कि ये ही थे जिन्हें पता था कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है। महादेव ने मुझपर आशीर्वाद बनाए रखा और हमीरपुर की जनता ने मुझपर भरोसा किया जिसके लिए हमीरपुर की जनता का धन्यवाद करते हैं।

हमीरपुर में क्यों नहीं चला सीएम का जादू
शनिवार को चुनाव नतीजे आने के बाद हमीरपुर में एक चर्चा लोगों में छिड़ गई कि देहरा में मु यमंत्री की धर्मपत्नी 9399 वोटों से जीती और नालागढ़ में भी कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप बावा 8990 वोटों से उपचुनाव जीते। लेकिन हमीरपुर मु यमंत्री का गृहजिला होने के बावजूद यहां से कांग्रेस प्रत्याशी की हार आखिर कैसे हो गई। आखिर कमी कहां रही। क्या हमीरपुर में उस लेबल का प्रचार नहीं हो पाया जो होना चाहिए था या फिर भाजपा प्रत्याशी पर कांग्रेस जनता की अदालत में आरोप सिद्ध नहीं कर पाई। आपको बता दें कि करीब एक माह पहले बड़सर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जीत के बाद भी इस तरह के सवाल उठे थे।

आशीष शर्मा दूसरी बार हमीरपुर के विधायक

विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर में 10 जुलाई को हुए उपचुनाव का परिणाम शनिवार 13 जुलाई को घोषित कर दिया गया। उपचुनाव नतीजे में भाजपा प्रत्याशी आशीष शर्मा विजयी हुए हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी व कांग्रेस प्रत्याशी डा. पुष्पेंद्र वर्मा को 1571 मतों से पराजित किया है। चुनाव नतीजों के अनुसार आशीष के पक्ष में कुल 27041 वोट पड़े जबकि डा. वर्मा को 25470 मतों से ही संतोष करना पड़ा। इन चुनाव नतीजों के बाद आशीष शर्मा दूसरी बार हमीरपुर सदर सीट से विधायक चुने गए हैं। विदित रहे कि पहली बार आशीष वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में बतौर निर्दलीय चुनाव जीते थे। उस वक्त उन्हें 12899 वोटों की लीड मिली थी। उस वक्त भी डा. पुष्पेंद्र वर्मा कांग्रेस प्रत्याशी थे और उन्हें 13017 वोट पड़े थे। मुकाबला इस बार भी दोनों के बीच था फर्क केवल इतना था कि आशीष इस बार भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़े और जीते।

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Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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