BJP टिकट पर भी आशीष ‘आजाद’, पिछली दफा के मुकाबले मात्र 1125 वोट अधिक, भितरघात के संकेत

हमीरपुर. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गृहजिले की सबसे हॉट मानी जा रही हमीरपुर सीट के उपचुनाव परिणाम में विपरीत और विकट परिस्थितियों के बाजवूद आशीष शर्मा डेढ साल के भीतर दूसरी बार चुनाव जीतकर विधायक बन गए। जीत का मार्जिन हालांकि 1571 वोटों का रहा लेकिन फिर भी हर कोई इसे बड़ी जीत के रूप में देख रहा है। बड़ी जीत इसलिए कि एक तो आशीष किसी आम इंसान से न टकराकर सीधे CM से टक्कर ले बैठे थे दूसरा जिस भाजपा ने उन्हें टिकट दिया था उसके नेताओं की उनसे दूरी को हमीरपुर की जनता ने देखा भी और महसूस भी किया। हालांकि पार्टी कैडर का कुछ हिस्सा जरूर उनके हक में गया होगा लेकिन उनके पक्ष में हुए मतदान के आंकड़े बता रहे हैं कि आशीष को टिकट भाजपा ने ही दिया था लेकिन जीते वो ‘आजादÓ प्रत्याशी की तरह ही। दरअसल आजाद प्रत्याशी की तरह जीत की बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि जितने वोट उन्होंने वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लिए थे लगभग उतने ही वोट उन्हें इस बार विश्व की सबसे बड़ी पार्टी कही जाने वाली भाजपा का टिकट मिलने के बाद पड़े। आंकड़ों को देखें तो 2022 में बतौर निर्दलीय आशीष के पक्ष में 25916 मतदान हुआ था। इस बार उपचुनाव में बतौर भाजपा प्रत्याशी उन्हें 27014 वोट मिले। यानि मात्र 1125 वोटों का इजाफा हुआ। जबकि इस बार तो मुकाबला भी सीधा कांग्रेस प्रत्याशी से था कोई ट्राएंगल नहीं था।

उधर, कांग्रेस प्रत्याशी डा. पुष्पेंद्र वर्मा के पक्ष में पड़े मतों को देखें तो उन्हें इस बार 25470 वोट मिले। जबकि 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें 13017 वोट पड़े थे। यानि डाक्टर को 12453 वोट अधिक पड़े। दोनों प्रत्याशियों की जीत का अंतर मात्र 1571 रहा। हार-जीत और मतदान के आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि भाजपा में जमकर भितरघात हुआ और आशीष को जीत हासिल करने के लिए पिछली बार से भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पिछले चुनावों के मुकाबले बीजेपी की टिकट मिलने के बावजूद मात्र 1125 वोटों की वृद्धि खुद-ब-खुद इस बात की गवाही दे रही है कि भाजपा के साथ आशीष शर्मा का खुद का कैडर उनके साथ पूरी तरह डटा रहा। विधानसभा क्षेत्र के वो लोग जिनकी आशीष वर्षों से मदद करते आए थे उन्होंने उनका साथ नहीं छोड़ा।

कांग्रेस का 18 तो बीजेपी का 25 हजार कैडर वोट
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो हमीरपुर सदर सीट में कांग्रेस का 18 हजार तो भाजपा का 25 हजार कैडर वोट माना जाता है। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी को 25 हजार से अधिक वोट पड़े यानि सीधे 7 हजार वोट दूसरी ओर टिल्ट हुए। जबकि भाजपा प्रत्याशी को 27041 वोट पड़े। उनका खुद का वोट बैंक 12 से 13 हजार के बीच माना जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी में यदि एक सीध में काम होता तो भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कम से कम भी 32 हजार से अधिक वोट पडऩे थे।

बीजेपी पदाधिकारियों के बूथों पर छिटकी पार्टी
हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनाव परिणामों के बूथ बाइज आए आंकड़े इस बात की पोल खोल रहे हैं कि किस स्तर का काम इन चुनावों में पार्टी ने किया। भाजपा के मंडलाध्यक्ष से लेकर जयराम सरकार में अच्छे ओहदों और वर्तमान में भाजपा संगठन में ऊंचे पदों पर विराजमान पदाधिकारियों के बूथों पर भी कांग्रेस प्रत्याशी ने लीड ली है। यानि वे या तो भाजपा प्रत्याशी को लीड दिला नहीं पाए या फिर दिलाना नहीं चाहते थे। बता दें कि कुल 94 बूथों में बीजेपी को 59 और कांग्रेस को 35 बूथों पर लीड मिली है।

Khabar Logy
Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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