कुल्लू . पहाड़ी राज्य हिमाचल के जिला कुल्लू के मलाणा गांव में पिछले दिनों बादल फटने से आई आपदा के कारण यहां बिजली का ढांच पूरी तरह से नष्ट होने के कारण 24 दिन से इलाका अंधेरे में डूबा हुआ है। बता दें कि 31 जुलाई की रात यहां बादल फटने के बाद आई बाढ़ से बिजली ढांचा नष्ट हो गया। राज्य विद्युत बोर्ड के अधिकारियों की मानें तो अभी व्यवस्था को बहाल करने में 3 सप्ताह तक लग सकते हैं। बिजली के बिना बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और क्षेत्रवासी परेशान हैं। मलाणा गांव की आबादी लगभग 2500 है। यहां परिवारों की संख्या लगभग 500 है।
हालांकि राहत की बात यह है कि मलाणा क्षेत्र के ज्यादातर परिवारों ने जनरेटर खरीद रखे हैं। शाम के समय एक-डेढ़ घंटा इन्हें चलाकर कुछ घरों में तो उजाला हो जाता है, मगर कई निर्धन परिवार अंधेरे में ही गुजर बसर करने को मजबूर हैं। जिन लोगों ने जनरेटर लगा रखे हैं, उनके घर पर शाम के समय कुछ लोग अपने फोन भी चार्ज कर देते हैं। हालांकि, जनरेटर के लिए भी अब क्षेत्र में पेट्रोल की कमी खलने लगी है। 31 जुलाई की रात को मलाणा क्षेत्र में न केवल बिजली की सप्लाई ठप हुई, बल्कि सडक़ें भी पूरी तरह बाढ़ में बह गईं। इससे मलाणा में राशन की भी कमी हो गई।
लिहाजा मलाणावासी खुद सडक़ें और बिजली की बहाली में जुटे हुए हैं। पुल के साथ सडक़ें, हेलिपेड बनाने और बिजली की लाइनें बिछाने का काम खुद कर रहे हैं।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh