स्टेट ब्यूरो . शिमला
गौवंश के संरक्षण और संवर्धन के नाम पर पूर्व की सरकारें बड़े-बड़े दावे करती रहीं हैं लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि गौ माता को बचाने की जगह सरकारें इस पर सियासत करती रही। यही नहीं प्रदेश में होने वाले हर चुनाव में लावारिस पशुओं का प्रमुखता से उठता रहा लेकिन चुनावी शोर के साथ-साथ इसकी गूंज भी गुम होती रही। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने सड़कों पर लावारिस घूमते गौवंश को बचाने और गौ सदनों की दशा और दिशा बदलने का निर्णय लिया है। इस बात के संकेत शुक्रवार को हमीरपुर पहुचे कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिए हैं।
दरअसल प्रदेश के गौ सदनों में रह रहे मवेशियों को 700 रुपए महीना प्रति पशु के हिसाब से दिया जाता है जोकि नाकाफी है। पशुपालन मंत्री के अनुसार प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस खर्च को 12 से 15 हजार प्रति महीना करने पर विचार कर रही है। इससे गौसदनों को संचालित करने वालों को किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी और वे गौवंश को अच्छे से रख पाएंगे। उन्होंने कहा कि गाय हमारी धार्मिक भावनाओं से जुड़ी हुई है और उसी का सम्मान करते हुए प्रदेश सरकार , गौ धन की रक्षा के लिए प्रदेश में चल रहे को सदनों को अत्याधिक करने जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गौ माता के नाम पर मात्र राजनीति करती है जबकि कांग्रेस पार्टी समस्या का मूल समझती है और उसी को लेकर एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार गौ सदनों में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करेगी।
अपने पशुओं को चुपचाप सड़कों पर लावारिस छोडऩे वाले मालिकों का पता लगाने के लिए सरकार ने एक नई तरकीब निकाली है जिसपर काम हो रहा है। पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि पशुओं के शरीर पर एक चिप फिट की जाएगी जिसमें पशु मालिक की पंचायत, ब्लॉक उसका सारा एड्रेस होगा। यदि कोई पशु मालिक अपने मवेशी को लावारिस छोड़ता है तो उसकी पहचान की जा सकेगी। पशुपालन मंत्री ने कहा कि इसपर काम हो रहा है।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh