हेल्थ डेस्क. शिमला
बरसात के मौसम में लगातार बढ़ती गर्मी और नमी के कारण प्रदेश भर में आई फ्लू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। जिला हमीरपुर में आई फ्लू के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। शनिवार को जिला में एक ही दिन में 300 से अधिक मामले सामने आए हैं। संक्रमितों का आकड़ा हजार से पार हो चुका है। वही प्रदेश के एकमात्र एनआईटी हमीरपुर में ही 700 के करीब स्टूडेंट और स्टाफ मेंबर वायरल की चपेट में आ गए है। जिले के बड़सर स्वास्थ्य खंड में शनिवार को सबसे अधिक 94 मामले सामने आए हैं जबकि एनआईटी हमीरपुर में 64 नए केस दर्ज हुए है। पिछले एक सप्ताह से जिले में मामलों की तादात बढ़ती जा रही है। लोगों को बीमारी से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए टीमें शैक्षिणक संस्थानों और ग्रामीणों क्षेत्रों में भेजी जा रही है। जिले में जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में मामले सामने आ रहे है, वहां पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें जागरूगता कैंप का आयोजन भी कर रही है। मेडिकल कॉलेज हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर अनिल वर्मा का कहना है कि आईफ्लू के मरीज को उम्र के हिसाब से दवाई दी जाती है। बीमारी की चपेट में आने पर डाक्टर की राय लेकर ही दवाई का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी में घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।
एनआईटी में किया आई फ्लू के बारे में जागरूक
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अग्निहोत्री एवं खंड चिकित्सा अधिकारी टौणी देवी के दिशा निर्देश अनुसार एनआईटी हमीरपुर में आई फ्लू के बारे में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया । गौरतलब है कि पिछले 4 दिन से एनआईटी में सैंकड़ों लोग संक्रमित हुए हैं जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम 3 दिन से वही डेरा डाले हुए हैं। जागरूकता शिविर में खंड स्वास्थ्य शिक्षक कमल मनकोटिया ने सभी संक्रमित बच्चों को आई फ्लू के लक्षण तथा उसके बचाव एवं उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
ये हैं लक्षण….
सीएमओ हमीरपुर डा आरके अग्निहोत्री ने कहा कि आईफ्लू आंखों में लालिमाए खुजलीए चिपचिपापन होता है। बीमारी से पलकें भी सूज जाती है। यह एक तरह का वायरल है जिसे पूरी तरह से ठीक होने में एक से दो सप्ताह का समय लग सकता है। आई फ्लू संक्रमण से बचाव के लिए सफाई पर ध्यान देना बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एनआईटी हमीरपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीमें हर दिन जांच के लिए जा रही है।
ऐसे करें बचाव….
हाथों को साबुन से बार बार धोते रहें, बार बार आंखे न छूए, दूसरे व्यक्ति का चश्मा, रूमाल, तौलिया, पेन, मोबाइल, कुर्सी टेबल इस्तेमाल न करे, दरवाजों कुंडियों और नलकों के हैंडल को सैनिटाइज करें।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh