लीगल डेस्क. शिमला
सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में जूनियर बेसिक टीचर (JBT) की भर्ती के विवाद पर विराम लगा दिया है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने JBT पदों पर भर्ती के NCTE के आदेशों को रद्द कर दिया है। अब पूर्व की तरह पहली से पांचवी कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाने के लिए JBT प्रशिक्षण प्राप्त बेरोजगारों को ही नौकरी पर रखा जाएगा। दरअसल JBT पदों पर भर्ती का यह विवाद पिछले चार-पांच साल से NCTE (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन) के उन आदेशों के कारण उपजा, जिसमे NCTE ने JBT बनने के लिए बीएड डिग्रीधारकों को भी पात्र ठहराया था। NCTE ने इन आदेशों के कारण कुछ अन्य प्रदेशों में भी विवाद हुआ। हिमाचल की बात करें तो यहां अर्से से प्राइमरी स्कूलों में JBT डिप्लोमाधारक ही लगते रहे हैं। NCTE के इन फरमानों को हिमाचल में पहले JBT ने कोर्ट में चुनौती दी। फिर बीएड डिग्रीधारक भी NCTE के आदेशों की आड़ में कोर्ट गए। हालांकि हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश भी JBT के पक्ष में आए। बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अब देश की शीर्ष अदालत ने भी JBT को ही प्राइमरी टीचर के लिए पात्र माना है।
चार साल से न्यायालय में था मामला
साल 2019 से JBT पदों पर भर्ती का यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। अब जाकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इसे JBT प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh