जिला ब्यूरो . मंडी
कई युगों पहले लोकहित के लिए कठोर तपस्या करने वाले महर्षि दधीचि ने वृत्रासुर का वध करने के लिए अपनी आस्थियों का दान कर दिया था. महर्षि ने योग विद्या से अपना शरीर त्याग दिया। बाद में उनकी अस्थियों से बने वज्र से इन्द्र ने वृत्रासुर को मारकर तीनों लोकों को सुखी किया।, ऐसा माना जाता है की लोकहित के लिए देहदान करने वाले संसार के पहले व्यक्ति महर्षि दधीचि ही थे। शायद यही वजह है कि आज उनके नाम से महर्षि दधीचि देहदान समितियां बनी हुई हैं. आज पूरी दुनिया में लोग देहदान करते हैं ताकि उनकी मृत्यु के पश्चात उनके शरीर के अंगों का इस्तेमाल उन लोगों के लिए हो सके जिन्हें उन अंगों की जरूरत होती है। हिमाचल में भी पिछले कुछ वर्षों से देहदान का चलन बढा है.
देहदान करने वाले इन्ही दानियों की लिस्ट में एक और नाम संजय कुमार का भी जुड़ गया है। जिला मंडी के सरकाघाट स्थित जंदूड खास के 59 वर्षीय संजय कुमार ने देहदान समिति आईजीएमसी शिमला को इस बारे में सूचित किया है। समिति की ओर से उन्हें देहदान करने का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया है। आपको बता दें कि संजय कुमार प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक के पद से सेवानिवृत हुए हैं। उनकी सेवानिवृति जिला हमीरपुर से हुई है। संजय कुमार के बारे में एक दिलचस्प किस्सा यह भी है कि जब हमीरपुर में रहते हुए उनके चालक की सेवानिवृति हुई थी, तो वे उस दिन स्वयं चालक बने थे और चालक के सारथी बनकर उन्हें घर तक छोडक़र आए थे, जोकि काफी सुर्खियों में रहा था।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh
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