हिमाचल के नॉन पेंशनर्स के लिए राहत भरी खबर, सरकार ने इनकम सर्टिफिकेट की कंडीशन हटाई

60 साल आयु पर पूर्व सैनिक निदेशालय प्रदान करता है सामजिक सुरक्षा पेंशन, हिमाचल में 1300 के करीब नॉन पेंशनर्ज, आपात सेवाओं के बाद भेजे गए थे घर

शिमला  – आपात स्थिति में सेवाएं प्रदान करने के उपरांत सेना से घर भेजे गए हिमाचल प्रदेश के नॉन पेंशनर्ज की सामाजिक सुरक्षा पेंशन से इंकम सर्टिफिकेट का पेंच हिमाचल सरकार ने हटा दिया है। इंकम का दायरा खत्म करने के बाद अब सभी नॉन पेंशनर्ज को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलेगी जोकि पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय प्रदान करता है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तरफ से 60 साल पूरे होने पर आम आदमी को दी जाने वाली पेंशन से ज्यादा पेंशन नॉन पेंशनर्ज को पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय की तरफ से मिलती है। नॉन पेंशनर्ज को 60 वर्ष उम्र पूरी होने पर निदेशालय की तरफ से तीन हजार रुपए पेंशन प्रदान की जाती है। निदेशालय के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए सालाना इंकम 35 हजार रुपए तय थी। इंकम 35 हजार से ज्यादा होने की सूरत में नॉन पेंशनर्ज को पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता था। आम आदमी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की तरफ से मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन से पहले ही 35 हजार इंकम सर्टिफिकेट की अनिवार्यता को हटा दिया गया है। ऐसे में पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय ने प्रदेश सरकार को कुछ महीने पहले प्रस्ताव भेजा था कि नॉन पेंशनर्ज की पेंशन से भी इंकम प्रमाण पत्र की शर्त को हटा दिया जाए। निदेशालय के इस प्रस्ताव को हिमाचल सरकार ने हरी झंडी प्रदान की है। हाल ही में प्रदेश सरकार की तरफ से इंकम दायरा समाप्त करने की अधिसूचना निदेशालय को भेजी गई है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश के नॉन पेंशनर्ज को 60 साल आयु पूरी होते ही तीन हजार रुपए पेंशन पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय की तरफ से शुरू हो जाएगी।

Pension

बता दें कि आपात स्थिति में 1987 से पहले युद्धों के दौरान कई लोगों को सेना में अस्थाई तौर पर भर्ती किया गया था। युद्ध समाप्त होने के बाद इन्हें घर भेज दिया गया। आपात स्थिति में देशहित की सेवाओं लेने के उपरांत घर भेजे गए इन्हीं लोगों को नॉन पेंशनर्ज कहा जाता है। एक तरफ सामाजिक सुरक्षा विभाग की तरफ से 60 साल आयु पूरी होने पर आदम आदमी को एक हजार रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जाती है तो वहीं नॉन पेंशनर्ज के लिए पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय की तरफ से तीन हजार पेंशन प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। आपात स्थिति में दी गई इनकी सेवाओं के लिए ही इन्हें तीन गुणा ज्यादा पेंशन प्रदान की जाती है ताकि इनका बुढ़ापा अरामदायक तरीके से कट जाए। हालांकि इस पेंशन को शुरू करवाने के लिए वार्षिक आय का ब्यौरा देना अनिवार्य किया गया था। वार्षिक 35 हजार से ज्यादा आमदन पर पेंशन नहीं लगती थी। वार्षिक 35 हजार आय की शर्त की वजह से ही नॉन पेंशनर्ज निदेशालय की तरफ से दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन से वंचित हो रहे थे। इन नॉन पेंशनर्ज के हितों के मद्देनजर पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय ने इंकम का दायरा समाप्त करने का प्रस्ताव हिमाचल सरकार को भेजा था। इस प्रस्ताव पर हिमाचल सरकार ने अपनी मुहर लगाते हुए हिमाचल प्रदेश के 1300 के लगभग नॉन पेंशनर्ज को राहत प्रदान की है। अब इन्हें 60 साल आयु पूरा होते ही बिना आय प्रमाण पत्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन शुरू हो जाएगी।

35 हजार वार्षिक इंकम की अनिवार्यता समाप्त की

ब्रिगेडियर मदनशील शर्मा (रि.) पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय का इस बारे में कहना है कि हिमाचल सरकार ने नॉन पेंशनर्ज की पेंशन को लेकर तय की 35 हजार वार्षिक इंकम की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। इसे समाप्त करने का प्रस्ताव पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय की तरफ से प्रदेश सरकार को भेजा गया था। इस प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार ने अपनी मुहर लगाई है। अब प्रदेश के सभी नॉन पेंशनर्ज को 60 साल आयु पर निदेशालय की तरफ से सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिलेगा।

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Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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