शिमला . हिमाचल की कांग्रेस सरकार में तैनात किए छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) की नियुक्ति पर हिमाचल हाईकोर्ट 4 नवंबर को फैसला सुना सकता है। भाजपा विधायकों व अन्यों की ओर से दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई के बाद हिमाचल हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में याचिकाकर्ता अपनी दलीलें पेश कर चुके हैं जबकि प्रतिवादी सीपीएस की तरफ से जवाब दायर होना है। बता दें कि राज्य में कांग्रेस सरकार ने इस साल 8 जनवरी को 6 विधायकों को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किया था। याचिकाकर्ता भाजपा नेताओं की ओर से पेश वकील संजय कुमार ने कहा कि सभी छह विधायकों राम कुमार चौधरी (दून), संजय अवस्थी (अर्की), मोहन लाल ब्राक्टा (रोहड़ू), सुंदर सिंह ठाकुर (कुल्लू), आशीष बुटेल की नियुक्ति (पालमपुर), और किशोरी लाल (बैजनाथ) को तुरंत पद से हटाया जाए चाहिए।
दिल्ली स्थित वकील कल्पना देवी द्वारा दायर याचिका में इन नियुक्ति को अवैध और संविधान के विपरीत बताते हुए सभी सीपीएस को तत्काल हटाने की प्रार्थना की गई है। याचिका में दावा किया गया है कि इन नियुक्तियों से राज्य के खजाने पर भारी बोझ पड़ेगा। संजय कुमार ने दलील दी कि इन सभी विधायकों को सीपीएस के रूप में लाभ के पद पर रहने के लिए नोटिस जारी किया जाए और त्वरित सुनवाई के बाद सभी सीपीएस को विधानसभा से अयोग्य घोषित किया जाए।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh