आज रात चांद को देखने निकलेंगे हजारों ‘चाँद’, करवाचौथ पर इस बार 100 साल बाद खास संयोग

फीचर डेस्क . सुहाग का प्रतीक करवा चौथ का व्रत आज बुधवार सुबह से सभी सुहागिनों ने रखा हुआ है। मान्यता है कि करवा चौथ का पूरे विधि-विधान से व्रत रखने पर अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है। करवा चौथ के दिन मां गौरी और गणेश जी की विधिवत पूजा की जाती है। पंडितों की मानें तो आज शाम सात बजे से रात नौ बजे तक चंद्रमा नजर आ जाएगा। विभिन्न शहरों में चांद के निकलने का समय अलग-अलग रहता है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार करवाचौथ पर ऐसा चुतर्महायोग बना है जो पिछले 100 वर्षों में नहीं बना। दूसरा ये व्रत इसलिए भी खास है कि आज बुधवार है और चतुर्थी का भी संयोग बना है। यह तिथि और वार दोनों के देवता विघ्नहाकर गणेश जी  हैं। ऐसे में इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके अलावा आज के ग्रह नक्षत्र सर्वसिद्धि, सुख, अमृत और कुलदीपक का योग बनाने वाले हैं।
इसके अलावा यह तो सर्वविदित है कि करवा चौथ का व्रत स्त्रियों के लिए फलदायक माना गया है। अपने पति की रक्षा और लंबी उम्र की कामना के लिए महिलाएं करवा चौथ का व्रत हर साल रखती हैं। यह व्रत निर्जला व्रत है, जो बेहद कठिन माना जाता है। करवा चौथ के व्रत की शुरुआत सरगी से होती है और इसका पारण चंद्र दर्शन के बाद ही किया जाता है। करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसी इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रख संध्या के समय शुभ मुहूर्त में व्रत कथा का पाठ करती हैं। फिर चंद्रोदय होने पर चंद्रमा के दर्शन और पूजा करने के पाश्चत्य ही अपना व्रत खोलती हैं।
भगवान कृष्ण के कहने पर द्रौपदी ने रखा था व्रत
एक बार की बात है पांडव पुत्र अर्जुन नीलगिरी पर्वत पर तपस्या करने गए थे। उसी वक्त पांडवों पर बड़ी विपदा या पड़ी। तब भयभीत और चिंतित द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान किया और उनसे आन पड़ी इस संकट की घड़ी के निवारण के लिए उपाय पूछा। तब भगवान श्री कृष्ण ने द्रौपदी को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत करने को कहा था। मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत रखा था।

दिन में इस वक्त रहेगा राहुकाल
आज दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 31 मिनट तक राहुकाल रहने वाला है। राहुकाल के दौरान पूजा-पाठ करने की मनाही होती है।

संध्या पूजा शुभ मुहूर्त

शाम के वक्त 7 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 48 मिनट तक करवा चौथ पूजा के लिए शुभ चौघडिय़ा मुहूर्त रहेगा। शाम 7 बजकर 9 बजे के बाद से किसी भी समय व्रती महिलाएं करवा चौथ की पूजा कर सकती हैं।

पूजा के 3 शुभ मुहूर्त

सुबह करवा चौथ पूजा के लिए  शुभ मुहूर्त सुबह 7:55 बजे से 09:18 बजे तक रहा। इसके बाद सुबह 10:41 बजे से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट तक शुभ चौघडिय़ा में पूजा का मुहूर्त रहा। शाम की पूजा के लिए लाभ चौघडिय़ा 04:13 बजे से 05:36 बजे तक रहने वाला है।

करवा चौथ पर इन मंत्रो का करें जाप

करवा चौथ के दिन शिव परिवार और करवा माता की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान इन मंत्रों का जाप जरूर करें। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।

गणेश मंत्र- ओम गणेशाय नम:
शिव मंत्र-  ओम नम: शिवाय
मां पार्वती जी का मंत्र- ओम शिवायै नम:
चंद्रदेव को अघ्र्य देते समय मंत्र- ओम सोमाय नम:

करवा, दीपक, कांस सींक का महत्व
करवा चौथ में भगवान शिव, मां गौरी और गणेश जी की पूजा करने का विधान है। वहीं, मिट्टी के करवा, जिसमें टोटी लगी होती है, उसे गणेश जी की सूंड माना जाता है। करवा चौथ पूजा के दौरान इसी करवा में जल भरकर पूजन का महत्व है। वहीं, करवा चौथ की पूजा में चंद्रोदय के बाद महिलाएं छलनी में दीपक रख चंद्रमा के दर्शन करने के पश्चात अपने पति का चेहरा देखती है। मान्यता है ऐसा करने से नेगेटिविटी दूर होती है और पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। कांस की सींक शक्ति का प्रतीक है, जिसे करवा की टोटी में डालकर पूजा की जाती है।

Khabar Logy
Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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