NIT में पहली बार स्थापित होगा कंट्रोल रूम, डिप्रेशन में जा रहे स्टूडेंट्स के लिए काउंसलर की होगी व्यवस्था

हमीरपुर. राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (NIT) हमीरपुर एक सप्ताह पूर्व हुई छात्र की मौत के बाद से लगातार सुर्खियों में हैं। क्योंकि एक तरफ जहां पुलिस धड़ाधड़ नशे की गिरफ्त में आए छात्रों को पकड़ रही है वहीं एनआईटी प्रबंधन भी बिगड़ैलों पर शिकंजा कस रहा है। इसमें पहली कार्रवाई के रूप में एनआईटी प्रशासन ने नशे में धुत्त दो छात्राओं को छात्रावास से निकाल दिया है। बताते हैं कि दोनों छात्राओं का पहले मेडिकल करवाया गया था जिसमें शराब की पुष्टि हुई है। एनआईटी के कुछ छात्रों द्वारा अव्यवस्थित किए गए इस माहौल को ठीक करने के लिए प्रबंधन अब जहां कुछ सख्त कदम उठाने जा रहा है वहीं  व्यवस्थाओं में भी कुछ बदलाव भविष्य में किए जाएंगे। एनआईटी में पहली बार कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। यानि अब यहां होने वाली हर घटना की सूचना तुरंत पुलिस तक पहुंचेगी। पूर्व में ऐसा नहीं होता था  भले ही यहां बड़े से बड़े घटनाक्रम हो जाते थे। कंट्रोल रूप स्थापित होने से पुलिस और प्रबंधन के बीच  समन्वय बना रहेगा जिससे हर हलचत की जानकारी  मिलती रहेगी। इसके अलावा हॉस्टल से बाहर हमीरपुर शहर इत्यादि में जाने वाले स्टूडेंट्स के लिए अंदर ही वाहन की व्यवस्था की जा रही है जिसमें छात्र मार्किट तक जा सकेंगे और उसी में खरीददारी इत्यादि करके वापस आएंगे। इसके लिए प्रबंधन कबाड़ हो चुके पुराने वाहनों की जगह नई बसें खरीदेगा।  दरअसल अभी होता यह है कि छात्र कैंपस से बाहर जाते हैं और होटलों में पार्टियां करते हैं और रात को होटल वाले ही अपने वाहनों में उन्हें एनआईटी परिसर में छोड़कर आते हैं फिर चाहे वो किसी भी हालत में हों लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। एनआईटी का अपना वाहन होगा, अपना ड्राइवर होगा और उसमें एक सिक्योरिटी गार्ड भी मौजूद रहेगा।  इसके अलावा संस्थान के ध्यान में यह भी आ रहा था कि कुछ छात्र जोकि काफी इमोशनल प्रवृति के होते हैं वे कई बार डिप्रेशन में जाने लगते हैं। ऐसे छात्रों के लिए एक काउंसलर की व्यवस्था भी एनआईटी प्रशसन करने जा रहा है। एनआईटी के अंदर स्थापित अस्पताल में नशे की टेस्टिंग के लिए विशेष किट का भी प्रावधान किया जाएगा ताकि यदि कोई भी छात्र या छात्रा संदिग्ध लगते हैं तो उनका तुरंत टेस्ट किए जा सके। प्रबंधन की ओर से सभी इलिगल रास्ते फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। जहां बाड़बंदी की जरूरत थी वहां तारे लगा दी गई हैं ताकि कोई भी गलत तरीके से न बाहर जा सके न बाहर से अंदर आ सके।

क्या कहता है NIT हमीरपुर का प्रबंधन
जो भी पूर्व में इस संस्थान में घटा है वो दोबारा न हो इसके लिए कुछ जरूरी स्टेप हम उठाने जा रहे हैं जिसके थोड़े समय बाद रिजल्ट भी नजर आएंगे। इसके अलावा कुछ सख्तियां भी की गई हैं ताकि बिगड़ैल स्टूडेंट को डिसिप्लिन में लाया जा सके।  हम सबका उद्देश्य संस्थान की छवि को सुधारना और इसे आगे ले जाना है।
डा. अर्चना नानोटी

Khabar Logy
Author: Khabar Logy

Himachal Pradesh

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