हमीरपुर. 74763 मतदाताओं (36398 पुरुष, 38365 महिला मतदाता ) वाला सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र जिला हमीरपुर का वो हलका जिसमें आज तक बीजेपी एक उपचुनाव को छोडक़र आजतक अपना खाता नहीं खोल पाई। साल 2008 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के दौरान अस्तित्व में आए इस विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012 में पहली बार चुनाव हुए थे। उसके बाद से अब तक यहां विधानसभा के तीन आम चुनाव और एक उपचुनाव हो चुका है। यानि आजतक कुल चार चुनाव । इन चार चुनावों में से पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में राजेंद्र राणा ने चुनाव जीता था। उसके बाद वर्ष 2014 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नरेंद्र ठाकुर ने जीत हासिल की और फिर वर्ष 2017 और 2022 के विधानसभा चुनावों में दोनों ही बार कांग्रेस के टिकट पर राजेंद्र राणा चुनाव जीते और अब एक बार फिर से उपचुनावों में वे चुनाव मैदान में हैं। लेकिन हाथ का साथ छोडक़र अब उनके गले में कमल से सुसजित भगवा पटका है।
लगभग 12 वर्ष पीछे जाएं तो वर्ष 2012 में सुजानपुर हलके ने पहला विधानसभा चुनाव देखा था। तब यहां मतदाताओं की कुल संख्या 65006 थी। उस वक्त कांग्रेस ने पूर्व विधायक अनिता वर्मा को जबकि भाजपा ने भी पूर्व विधायक उर्मिल ठाकुर को चुनाव मैदान में उतारा था। उस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के परम शिष्य कहे जाने वाले राजेंद्र राणा भी टिकट की रेस में थे। जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने आजाद चुनाव लडऩे का फैसला किया। इस चुनाव में राजेंद्र राणा को सर्वाधिक 24674 वोट पड़े थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी अनिता वर्मा के पक्ष में 10508 और बीजेपी उम्मीदवार उर्मिल ठाकुर को 8853 मत पड़े थे। यूं कहें तो सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की शुरूआत राजेंद्र राणा के रूप में आजाद विधायक से हुई थी।
बाद में राजेंद्र राणा तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से मिले और फिर उनके हो लिए।
वीरभद्र सिंह के साथ राणा की नजदीकियां ऐसी थीं कि उन्होंने राणा को 2014 में लोकसभा चुनावों में प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतार दिया था। हालांकि उन चुनावों में राणा हार गए थे। उस वक्त जब यहां उपचुनाव हुआ तो भाजपा ने नरेंद्र ठाकुर को टिकट दिया तो कांग्रेस का टिकट राणा की धर्मपत्नी अनिता राणा को दिया गया। इस उपचुनाव में राणा की पत्नी भी हार गईं। लेकिन हार-जीत का अंतर बहुत की कम था। उस वक्त नरेंद्र ठाकुर को 22993 जबकि अनिता राणा को 22455 मत पड़े थे।
उसके बाद जब वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव हुए तो राजेंद्र राणा को कांग्रेस से टिकट मिला और पूर्व मुख्यमंत्री व राणा के राजनीतिक गुरु प्रो. प्रेम कुमार धूमल को यहां से भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतारा गया। चुनावों में राजेंद्र राणा के पक्ष में इन चुनावों में 25288 वोट पड़े थे। जबकि प्रो. धूमल को 23369 वोट पड़े थे। दोनों के बीच जीत हार का अंतराल मात्र 1919 रहा था। जबकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में मुकाबला कांग्रेस की ओर से राजेंद्र राणा और भाजपा प्रत्याशी कैप्टन रणजीत राणा के बीच हुआ। इन चुनावों में राजेंद्र राणा ने भाजपा प्रत्याशी को 399 मतों से परास्त किया था। राजेंद राणा को उस चुनाव में 27679 जबकि भाजपा के रणजीत को 27280 वोट पड़े थे। इस बार जीत का अंतराल 2017 के चुनावों से भी कम रहा था।
सुजानपुर में कांग्रेस कर सकती है नया प्रयोग
सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में अब फिर से उपचुनाव की नौबत आन पड़ी है। भाजपा ने यहां प्रत्याशी के रूप में राजेंद्र राणा को चुनाव मैदान में उतार है जबकि कांग्रेस अभी कशमकश की स्थिति में नजर आ रही है। दरअसल मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह यहां किसी ऐसे चेहरे की तलाश में हैं जो सुजानपुर से राणा का तिलिस्म तोड़ सके। हालांकि कांग्रेस के कई नेता यहां कतार में नजर आ रहे हैं लेकिन सुक्खू जिताऊ चेहरा देख रहे हैं। मुख्यमंत्री के लिए हालांकि जिले की दोनों सीटें जीतना जरूरी हैं लेकिन सुजानपुर सीट उनकी प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। दरअसल पिछले दिनों जो सारा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ है उसमें राणा और धर्मशाला से सुधीर को मास्टरमाइंड मानकर कांग्रेस चल रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री किसी भी कीमत पर इन सीटों को जीतना चाहते हैं फिर चाहे उन्हें कोई प्रयोग ही यहां क्यों न करना पड़ जाए।
जीत की पताका लिए पैरलर चलते रहे राणा
विधानसभा क्षेत्र सुजानपुर के परिदृश्य पर नजर घुमाएं तो वर्ष 2012 के बाद से चुनावों की सियासत राजेंद्र राणा के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है। तब से आजतक यहां होने वाले हर चुनाव में राजेंद्र राणा मुख्य कड़ी के रूप में फ्रंट पर दिखे। कांग्रेस हो या भाजपा दोनों में कभी प्रत्याशियों के रूप में उर्मिल ठाकुर, अनिता वर्मा, नरेंद्र ठाकुर, प्रो. प्रेम कुमार धूमल सरीखे चेहरे समय-समय पर सामने आते गए लेकिन राणा इन सबसे परे पैरलर जीत की पताका हाथ में लिए चलते रहे। अब य उपचुनाव किस तरह के चुनाव नतीजे लेकर आता है इसपर सबकी नजरें रहेंगी।
Author: Khabar Logy
Himachal Pradesh