सोमवार 14 अगस्त को बंद रहेंगे प्रदेशभर के सभी शिक्षण संस्थान, भारी बारिश को देखते हुए प्रदेश सरकार ने जारी किए आदेश

All HP school close on 14 august

स्टेट ब्यूरो .शिमला

प्रदेश भर में पिछले कई घंटों से लगातार हो रही अत्यधिक बारिश के कारण सभी जगह भारी नुकसान हुआ है । बारिश के कारण नदी नाले पूरी तरह से उफान पर है । ऐसे में स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की सेफ्टी को देखते हुए हिमाचल सरकार ने सोमवार 14 अगस्त पूरे प्रदेश भर में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने के आदेश जारी किए है। शिक्षा विभाग के सचिव अभिषेक जैन की ओर से जारी आदेशों के अनुसार 14 अगस्त को प्रदेश भर में सभी निधि और प्राइवेट स्कूल व कॉलेज बंद रहेंगे। उधर जैसे ही रविवार शाम को यह आर्डर प्रदेश भर के स्कूलों के मुखिया तक पहुंचे उन्होंने तुरंत व्हाट्सएप के माध्यम से यह जानकारी बच्चों के अभिभावकों तक पहुंचा दी है. रविवार को पूरा दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी सभी जिलाधीशों से उनके जिलों का फीडबैक दूरभाष पर लेते रहे  इसके बाद सरकार ने 14 अगस्त को स्कूल बंद रखने के आदेश जारी किए.

देर रात तक मुख्यमंत्री ग्राउंड जीरो से लेते रहे फीडबैक

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू  रविवार देर रात तक सचिवालय में डटे रहे। उन्होंने भारी बारिश से हुए नुकसान का ग्राउंड जीरो से फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि बारिश की वजह से प्रदेश में काफी नुकसान हुआ है। ग्राउंड जीरो से फीडबैक लेकर प्रभावितों तक राहत पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। पूरी सरकार प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।

हिमाचल में भारी बारिश से हर तरफ तबाही का मंजर, 500 से अधिक सड़कें बंद, जलमग्न हुई बलह घाटी

स्टेट ब्यूरो . शिमला

हिमाचल प्रदेश में पिछले कई घंटे से जारी भारी बारिश ने हर तरफ तबाही का मंजर बनाया हुआ है । एक तरफ जहां नदिया नाल तूफान पर आ गए हैं तो दूसरी ओर जगह-जगह सड़कों पर हुए भूस्खलन ने मार्ग अवरुद्ध कर दिए हैं । सबसे ज्यादा नुकसान जिला मंडी में बताया जा रहा है । बताते हैं कि जिला मंडी की बलघाटी पूरी तरह से जल मग्न हो चुकी है. 

पिछले 35 घंटे से अधिक समय से भारी बारिश हो रही है। इससे 500 से ज्यादा सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए अवरुद्ध हो गई हैं। चंडीगढ़-मनाली, कालका-शिमला और शिमला- बिलासपुर नेशनल हाईवे जगह-जगह बंद पड़ा है।मंडी जिले की बल्ह घाटी जलमग्न होने से 300 से ज्यादा घरों, 35 से ज्यादा गाड़ियों को नुक़सान पहुंचा है। नाचन के नाहन में भी बादल फटने से घर खेत और पशु बह गए। शिमला-मनाली हाईवे पर टैंडा के पास सड़क पर पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ।

बिलासपुर जिला में डीब नामक स्थान पर बारिश से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। यहां पर बारिश के कारण आई बाढ़ और मलबे में 2 ट्राले, एक कार, गाय भैंस और बकरियां बह गईं।

मंडी बल्ह घाटी में सबसे ज्यादा नुकसान

शनिवार रात से हो रही बारिश से मंडी जिले की बल्ह घाटी में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। पूरी घाटी जलमग्न होने से 300 से ज्यादा घरों, 35 से ज्यादा गाड़ियों को नुक़सान पहुंचा है। किसानों की फसलें तबाह हुई हैं।मंडी जिले के  चुनाहन में भी बादल फटने से घर खेत और पशु बह गए। लोगों का कहना है कि पहली बार उन्होंने ऐसी तबाही देखी है। पंचायत घर, पशु चिकित्सालय, PHC, हटगढ़ स्कूल जलमग्न है। 

शिमला में जगह-जगह लैंडस्लाइड

शिमला में लैंडस्लाइड और पेड़ भी गिरे शिमला शहर में भी जगह-जगह लैंडस्लाइड होने से लोग दहशत में हैं। इससे कई घरों को नुकसान पहुंचा। शिमला-मनाली हाईवे पर टैंडा के पास सड़क पर पेड़ गिरने यातायात प्रभावित हुआ। छोटे वाहन हीरानगर, जतोग होते शिमला आ सकते हैं।

हमीरपुर भाजपा ने पांचों मंडलों में तैनात किए अध्यक्ष , जिला भाजपा अध्यक्ष देशराज शर्मा ने की नामों की घोषणा

पॉलिटिकल डेस्क . हमीरपुर जिला हमीरपुर भाजपा ने शनिवार को अपने पांचो मंडलों में मुखिया तैनात कर दिए है। विस चुनावों में जिला में भाजपा की अप्रत्याशित हार के बाद पार्टी ने संगठन में नया रक्त संचार करने प्रयास किया गया है। पांचों मंडलों में नए चेहरे नियुक्त किए गए है। किसी भी मंडल में … Read more

केंद्रीय विद्यालय हमीरपुर का वो विदाई समारोह जो सबकी आंखें नम कर गया, दोबारा कब मिलेंगे कोई नहीं जानता

 

 

फीचर डेस्क

बरसों वे सब साथ रहे. सुबह स्कूल असेंबली के साथ ही उन सब की दिनचर्या शुरू होती और शाम को बजने वाली स्कूल की घंटी के बाद कुछ घंटों के लिए सब अलग हो जाते. लेकिन सुबह फिर वही दिनचर्या बच्चों को पढ़ाना अपने सहयोगियों से हल्की- फुल्की नोकझोंक रूठना- मनाना जैसा क्रम शुरू हो जाता जो वर्षों तक चलता रहा। लेकिन आज सुबह की कुछ गुमसुम सी थी। good morning की रिप्लाई में वह जोश नहीं था क्योंकि कल से सब अपने-अपने रास्तों पर दूर जाने वाले थे. ऐसी दूरी जो भले ही दिलों की ना थी लेकिन मीलों की जरूरत थी. दोबारा कब मुलाकात होगी कोई नहीं जानता था. स्कूल के दर- ओ- दीवार भी आज गुमसुम से लग रहे थे . आखिर लगते भी क्यों नहीं एक लंबे अरसे की पहचान जो हो गई थी इन टीचर्स के साथ। क्योंकि स्कूल की दीवारें भी इन शिक्षकों की आवाज को और स्कूल की सीढ़ियां उनके पैरों की आहट को पहचान लेती थीं. उनके सामने कई छात्र प्रथम कक्षा में यहां आए और जमा दो की पढ़ाई पूरी करके यहां से निकलते गए। ऐसे में स्वाभाविक है कि सभी स्टूडेंट का भी उनसे एक अलग ही रिश्ता बन गया था , एक आत्मीयता का संबंध पैदा हो गया था। यह कहानी है केंद्रीय विद्यालय हमीरपुर के उन 17 शिक्षकों की जिनका एक साथ तबादला अलग अलग राज्य में हो गया था । शाम को स्कूल में विदाई समारोह का आयोजन किया गया लेकिन यह विदाई समारोह किसी जुदाई समारोह से कम नहीं था…

ब्यास नदी का क्रोध इस बार नहीं हो रहा शांत, फिर से रौद्र रूप में बिपाशा

जिला ब्यूरो . हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश के रोहतांग पास से लगभग 14 हजार फीट की ऊंचाई से बहने वाली पवित्र व्यास नदी मानव द्वारा प्रकृति से किया जा रहे खिलवाड़ को देखते हुए इस बार काफी रौद्र रूप लिए हुए हैं । इस बरसात में अब तक इस नदी की तेज बहती धाराएं करोड़ों का नुकसान कर चुकी है। व्यास का रूप इस बार कुछ ऐसा है कि इसके आसपास की सड़कों को भी व्यास के किनारे छू रहे हैं । शनिवार रात से हो रही तेज बारिश के कारण रविवार को व्यास एक बार फिर से अपने रौद्र रूप में नजर आई। प्रकृति का गुस्सा भी जायज है क्योंकि जिस तरह से मानव चंद पैसों और अधिक सुख सुविधाओं के लिए प्रकृति का दोहन कर रहा है तो आखिर यह पवित्र नदियां कब तक खामोश बैठेंगी. विदित रहे कि पिछले दिनों मां हिडिंबा ने कुल्लू से भी मानव जाति को चेताया है कि सुधर जाओ वरना ब्यास के जल धारों को अपने चरणों तक लेकर आ जाऊंगी।  बता दें कि ब्यास नदी का प्राचीन नाम अर्जिकिया या विपाशा था, जिसका अर्थ होता है असीमित। यूं कह सकते हैं कि अब यह पवित्र नदी मानव के व्यवहार को देखते हुए अपनी सीमाओं को पार कर आगे बढ़ने लगी है।

कालका- शिमला रेलवे ट्रैक पर कंडाघाट के पास गिरा मलबा, रेल सेवा बाधित

 

 

जिला ब्यूरो . सोलन

प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण जगह जगह लैंडस्लाइडिंग होने के कारण कंडा संपर्क मार्गो से लेकर नेशनल हाईवे और फोरलेन तक बाधित हो रहे हैं । यही नहीं इस पहाड़ी राज्य में पहाड़ों से गुजरते रेलवे ट्रैक भी भूस्खलन की चपेट में आ रहे हैं जिसके चलते रेलवे यातायात भी बाधित हो रहा है । इसी कड़ी में शिमला कालका रेलवे ट्रैक भी भारी बारिश के कारण शनिवार को जिला सोलन के कंडाघाट में लैंडस्लाइडिंग के कारण बाधित हो गया है। रेलवे स्टेशन पर शनिवार को बारिश से ट्रेक पर भारी मलबा और पत्थर आ गिरे। जिससे रेल लाइन बाधित रही। इसके कारण शिमला से सोलन जाने वाली ट्रेन कण्डाघाट ख़डी रही। मलबा इतना ज्यादा है की अब ट्रेक को खोलने में दो से तीन दिन का समय भी लग सकता है.। बता दें की मलबा गिरने का सिलसिला अभी भी जारी है। ट्रेक के ऊपर खड़े भारी भरकम पेड़ भी किसी भी समय ट्रेक पर गिर सकते हैं। यही नहीं जिस तरह से बारिश का क्रम जारी है तो ऐसा लग रहा है कि ऊपर पहाड़ी पर स्थित हनुमान जी का मंदिर भी किसी भी समय स्लाइडिंग की चपेट में आ सकता है . 

 

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