आपदाग्रस्त परमारनगर से ग्राउंड रिपोर्ट…
कहते हैं जो वक्त पर काम आए वही सच्चा साथी और जो वक्त पर खर्ची जा सके वही असली पूंजी। बरसात की आपदा ने इस बार प्रदेश का कोई कोना ऐसा नहीं छोड़ा जहां लोगों को तबाही का मंजर ना देखना पड़ा हो। मौसम की इस मार की चपेट में आए लोगों के लिए प्रशासन तो अपनी मौलिक ड्यूटी निभा ही रहा है लेकिन आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में लोगों के लिए कुछ ऐसे समाजसेवी और युवा क्लब सामने आए जिन्होंने अपनों और प्रशासन से पहले मौके पर पहुंचकर प्रभावितों का दर्द तो बांटा है साथ ही कहीं दर्जनों तो कहीं सैकड़ों की तादात में आपदा ग्रसित लोगों के लिए खाने-पीने और रहने का भी प्रबंध करवाया. इसी फेहरिस्त में एक नाम जय बाबा जलाधारी यूथ क्लब का भी जुड़ गया है. बड़ी बात यह है कि इस यूथ क्लब ने बरसात के कारण बंद रास्तों के बावजूद राहत सामग्री और खाने-पीने की वस्तुएं आपदा ग्रस्त लोगों तक पहुंचाई . किस्सा जिला कांगड़ा की धीरा तहसील के अंतर्गत आने वाली चौकी पंचायत के परमारनगर क्षेत्र का है। सोमवार 14 अगस्त को जब परमारनगर में एक के बाद एक घरों के गिरने का सिलसिला शुरू हुआ तो जय बाबा जलधारी यूथ क्लब के सदस्यों ने सूचना मिलते ही सबसे पहले अपने गांव के लोगों के घर में जाकर किसी से 1 किलो चावल, किसी से 1 किलो दाल आटा चीनी और गैस सिलेंडर इत्यादि सामान इकट्ठा करने का बीड़ा उठाया और शाम तक काफी मात्रा में खाद्य सामग्री को एकत्रित कर लिया . अब सबसे बड़ा चैलेंज जो यूथ क्लब के सदस्यों के सामने था वह इस राशन को प्रभावितों तक पहुंचना था क्योंकि लगभग तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित आपदाग्रस्त गांव तक पहुंचाने के लिए एकमात्र विकल्प पुल था लेकिन उसके आगे एक बड़ा लहासा गिरा हुआ था जहां से पैदल निकलना भी मुश्किल था और दूसरा विकल्प उफनती नदी नदी को पार करके जाने का था. नदी को पार करना आसान नहीं था। यूथ क्लब के सदस्यों ने क्लास 11 तक तक गाड़ी पहुंचा कर सामान को वहां से कंधों पर उठाकर सड़क के दूसरी और पहुंचाया और फिर दूसरे वाहन की व्यवस्था करके सारी खाद्य सामग्री प्रभावितों तक पहुंचाई यही नहीं कुछ सदस्य जेसीबी का प्रबंध करने में जुट गए और प्रशासन से पहले पहुंचकर रोड को भी अपने दम पर खुलवाए जाहिर है यह बड़ी बात थी क्योंकि यूथ क्लब के सदस्यों का यह मौलिक कर्तव्य तो नहीं था लेकिन इंसानियत का परिचय देने का एक अच्छा मौका था ।
यूथ क्लब के सदस्यों ने प्रभावित क्षेत्र में पहुंचकर सबसे पहले मौसम की सफाई लोगों के लिए खाने-पीने का प्रबंध करना शुरू किया और देखते ही देखते गांव के हर एक व्यक्ति के लिए खाने का प्रबंध कर दिया कुछ युवाओं ने खाना पकाना शुरू कर दिया तो कुछ टैंट आदि का इंतजाम करने में जुट गए ताकि प्रभावित लोगों को इस बारिश के मौसम में खुले आसमान के नीचे रात ना गुजारनी पढ़े। देखते ही देखते एक दिन, दूसरा दिन , तीसरा दिन यूथ क्लब के सदस्य लगातार अपना घर बार छोड़कर प्रभावितों की सेवा में लगे रहे . हालांकि बाद में प्रशासन भी हरकत में आया और लगभग तीन-चार दिन बाद खाने पीने की वस्तुएं और टेंट इत्यादि यहां पहुंचने लगे यूथ क्लब के सदस्यों के जज्बे को देखकर प्रशासन ने भी इनकी मदद क्लब के सदस्यों ने भी कदम कदम पर हर जगह प्रभावितों की सेवा में डटे रहे फिर चाहे वह खाना बनाना हो या फिर टूटे हुए घरों से सामान बाहर निकलना हो शुक्रवार को जब डिप्टी कमिश्नर कांगड़ा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे तो यूथ क्लब के सदस्यों के काम को देख कर बेबी इस क्लब की पीठ थप थापा गए आज हर जगह पर जय बाबा जलधारी यूथ क्लब की लोक प्रशंसा कर रहे हैं.