Dharamshala. A video has been made of Dharamshala cricket stadium regarding the ICC ODI World Cup. In this, Team India’s Vice Captain Hardik Pandya, remembering his debut in Dharamshala, has expressed his happiness of playing in Dharamshala again. Hardik Pandya has welcomed all the people of the country to Dharamshala World Cup.
Day: October 8, 2023
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश Ex CM प्रो.धूमल के घर पहुंचकर अपनी गलती पर खेद प्रकट कर गए
-वरिष्ठ कांग्रेस नेता जय राम रमेश पर पूर्व मुख्यमंत्री ने किया था शिमला हाईकोर्ट में मानहानि मुकद्दमा हमीरपुर . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश शनिवार रात लगभग 9 बजे दिल्ली से चलकर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल से मुलाकात करने समीरपुर पहुंचे। यह मुलाकात पीडब्ल्यूडी … Read more
आजाद विधायक का संघर्ष हारे हुए पार्टी उम्मीदवार से ज्यादा होता है, यहां जनता ही होती है गॉडफादर
-Er. आशीष शर्मा : निर्दलीय विधायक हमीरपुर सदर
– शिक्षा : इंजीनियरिंग इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन
-मुख्य शौक : पूजा पाठ करना और मंत्र सुनना
चुनावों में हराया : भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी को
– कुल मत पड़े 25916 , जीते 12899 मतों से
हमीरपुर. दिसंबर 2017 के विधानसभा चुनावों में इस बार प्रदेश में कांग्रेस 40 सीटें जीतकर सत्तासीन हुई। बीजेपी को 25 सीटों से संतोष करना पड़ा तो तीन सीटों पर आजाद उम्मीदवार काबिज हुए। आजाद उम्मीदवारों में कांगड़ा की देहरा, सोलन की नालागढ़ और हमीरपुर की सदर सीट शामिल है। दरअसल किसी पार्टी के साथ जीतना और हारना एक बात है और बिना पार्टी के जीतना ही जीतना एक बात। क्योंकि हारने के बाद तो गुंजाइश ही नहीं रहती। ये जो आजाद चुनाव जीतते हैं इनका संघर्ष हारे हुए पार्टी के उम्मीदवारों से भी ज्यादा होता है। इसलिए आजाद उम्मीदवार पर बात करना ज्यादा रोचक रहेगा।
फिलहाल हमीरपुर सदर सीट से आजाद उम्मीदवारों में सबसे अधिक मार्जिन से जीते विधायक आशीष शर्मा की बात करते हैं। आशीष की बात इसलिए क्योंकि हमीरपुर मुख्यमंत्री का भी गृहजिला है। इस बात से तो सब वाफिक हैं कि आशीष एक संस्कारी और आस्थावान विधायक हैं और महादेव के भक्त बताए जाते हैं। विचारधारा बीजेपी की थी लेकिन टिकट नहीं मिला तो आजाद चुनाव लड़ लिया क्योंकि जनता चाहती थी। जनता न चाहती होती तो सदर सीट पर कोई विधायक 12899 वोटों से लीड न करता जोकि हमीरपुर सदर के इतिहास में सर्वाधिक लीड वाली जीत है जो एक आजाद केंडिडेट को मिली। जनता की सेवा की खातिर और लोगों के काम करवाने के लिए आशीष कांग्रेस के साथ चलने को भी तैयार हैं और शायद दस महीने से चल भी रहे हैं। जनता की खातिर हम इसलिए कह रहे हैं कि आशीष खुद इतने धन संपन्न हैं कि फिलहाल अपने लिए उन्हें भगवान के अलावा किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं है।
हालांकि सरकार में उनकी ट्यूनिंग अच्छी बताई जाती है। पूरा प्रदेश इस बात से वाफिक है कि मुख्यमंत्री का जब पहली बार उनके गृहजिला में दौरा हुआ था तो आशीष ने अकेले अपने दम पर एक महाआयोजन गांधी चौक पर करवाया था जिसमें मुख्यमंत्री ने मंच से उन्हें अपना छोटा भाई कहकर संबोधित किया था। उस वक्त कांग्रेस के बड़े-बड़े चाहवान रहे सकते में पड़ गए थे क्योंकि ऐसा कार्यक्रम करवाने की जिम्मेदारी तो उनकी बनती थी। अब स्वभाविक है कि मुख्यमंत्री से आजाद विधायक की नजदीकियों को भला कौन बर्दाश्त करेगा। आज सब इस इंतजार में हैं कि कब मुख्यमंत्री अपनी रहकत उनपर बरसाकर उन्हें बोर्ड या निगम में फिट करते हैं। हालांकि मौजूदा सिनेरियो बता रहा है कि हमीरपुर सदर से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे डा. पुष्पेंद्र वर्मा की कार्यप्रणाली से मुख्यमंत्री काफी खुश हैं और जल्द ही उन्हें अपना आशीर्वाद दे सकते हैं।
खैर शायद हम विषयांतर हो गए बात चली थी आजाद विधायक की। अगर लंबी बात न करें तो आखिर में यही कहा जा सकता है कि जनता का प्यार और आशीर्वाद ही एक आजाद विधायक को राजनीति में जिंदा रख सकता है। क्योंकि कहा भी गया है कि सत्त्ता में बने रहने के लिए माईबाप या गोडफादर होना जरूरी है।
जनता नहीं आती विधायक जाते हैं जनता के द्वार दिलचस्प बात यह है कि उनको विधायक बने दस महीने होने को आए हैं और जनता के साथ उनकी नदीकियां उतनी ही हैं जितनी चुनावों से पहले थीं जोकि अकसर देखने को नहीं मिलतीं। जनता से किए वायदे के मुताबिक वह लगातार लोगों के बीच में हैं। उनको विधायक बने दस महीने होने को आए हैं लेकिन उन्होंने अपना अधिकतर समय जनता के बीच की गुजारा है। रविवार को उन्होंने धनेड़ में आयोजित कार्यक्रम में यह कहा भी कि अपने किए वायदे के मुताबिक वे महीने में 25 दिन जनता के बीच में रहते हैं और आगे भी अपने वायदे पर कायम रहेंगे।
विदित रहे कि विधानसभा चुनावों से पूर्व अशीष शर्मा ने जनता से वायदा किया था कि वे एक नई प्रथा शुरू करेंगे जिसमें लोगों को काम करवाने के लिए उनके घर या कार्यालय नहीं आना पड़ेगा बल्कि वे जनता के बीच खुद जाएंगे और उनकी समस्याओं का समाधान भी करेंगे। मजेदार बात यह है कि आशीष अभी तक अपने किए वायदे पर अडिग़ हैं और जनता के बीच लगातार जा रहे हैं। शायद इसलिए भी कि उन्हें इस बात का इल्म है कि जनता जिसे एक बार दिल और दिमाग से निकाल देती है उसे फिर दोबारा नहीं अपनाती। आशीष अभी तक हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र की 40 पंचायतों में से 25 से अधिक में विधायक जनता के कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं। अभी तो चार साल शेष हैं देखते हैं आगे क्या करते हैं।
विधायक बनने के बाद बताई थी प्राथमिकताएं :
गांवों के लिए प्राथमिकता
आशीष कहते हैं कि 2020 से लेकर वे लगातार जनता के बीच ही रहे। बहुत से गांव आज भी ऐसे हैं जो रोड से कनेक्ट नहीं हुए हैं। लोगों को दो से तीन किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ता है। कहीं पुल बनने हैं। इसलिए सबसे पहला काम तो हर गांव को रोड से कनेक्ट करना है। चाहे सड़क हो या पुल। बहुत से गांवों में पानी की समस्या है। इसलिए सरकार के सहयोग से पानी की नई स्कीम बनाकर सिर्फ गांवों के लिए पानी पहुंचाया जाएगा। बिजली की समस्या दूर की जाएगी। स्कूलों और गांवों की डिस्पेंसरियों में सभी मूल सुविधाएं पूरी की जाएंगी।
हमीरपुर शहर की करेंगे ब्यूटिफिकेशन
हमीरपुर शहर की ब्यूटीफिकेशन के लिए प्लान बनाया जाएगा। नगर परिषद के साथ इस बारे में पिछले दिनों बैठक की है। शहर में जहां-जहां खाली जगह है वहां प्रशासन के सहयोग से पार्किंग का निर्माण किया जाएगा क्योंकि शहर में आज भी यह बहुत बड़ी समस्या है। शहर में करीब 800 स्ट्रीट लाइट्स खराब पड़ी हैं जिस कंपनी को टेंडर दिया था वो भाग चुकी है। इन स्ट्रीट लाइटों को दुरुस्त करवाया जाएगा ताकि शहर की गलियों में अंधेरा न रहे। शहर के आवारा कुत्तों की स्टिरलाइजेशन की जाएगी क्योंकि शहर में यह बहुत बड़ी समस्या है।
हमीरपुर बस स्टेंड का निर्माण करवाना
आशीष कहते हैं कि हमीरपुर बस स्टेंड बहुत पुराना और बड़ा मसला है जो आज तक नहीं बन पाया। लेकिन विधानसभा क्षेत्र में यह मेरी प्राथमिकता में है। मुख्यमंत्री जीे से पिछले दिनों शिमला में मुलाकात की थी। उन्होंने पूरा यकीन दिलाया है कि जिला के विकास में किसी तरह की कमी नहीं आने दी जाएगी। ऐसे में मुझे पूरी उम्मीद है कि सरकार के सहयोग से हम इस बार हमीरपुर बस स्टेंड का निर्माण करने में सफल होंगे।
अनुराग ठाकुर बोले, अहंकार और घमंड से चूर है घमंडियां गठबंधन
हमीरपुर. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि घमंडिया गठबंधन अहंकार और घमंड से भरा हुआ है। कांग्रेस में हार से पहले की हड़बड़ाहट और छटपटाहट है। राजस्थान का बंटाधार अशोक गहलोत की सरकार ने किया है। राजस्थान में 35 हजार बेटियों के साथ दुष्कर्म हुआ है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास कोई जबाव नहीं है।
सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने आंखें मूंद रखी हैं। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने रविवार को हमीरपुर दौर के दौरान हमीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए यह बयान दिया है। कांग्रेस के पांच राज्यों में जीत के दावे के सवाल पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जबाव दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित प्रदेश में भ्रष्ट्राचार और अत्याचार का बोलबाला है। हिमाचल में आपदा में केंद्र की ओर से मदद न दिए जाने के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री के बयान पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पलटवार किया है। अनुराग ने पलटवार करते हुए कहा कि भारत सरकार सबसे पहले आपदा प्रभावितों की मदद के लिए आगे आई है। राज्य की सरकार की मदद केंद्र की तरफ से की गई है। लोगों को हजारों मकान, मनरेगा में डंगे और अन्य कार्यों के लिए भी केंद्र से मंजूरी दी गई है। सड़कों के लिए बजट दिया गया है, 11 हजार मकान स्वीकृत किए हैं क्या यह किसी खाते में नहीं आता है। पीएम और गृहमत्री से इस सिलसिले में फोन पर बातचीत की है। केंद्र की सरकार काम करने में विश्वास रखती है दिखावे में नहीं।
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मंडी. अक्सर देखा गया है कि मानसिक रूप से परेशान लोग आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं . हालांकि कोई भी अपनी जान यूं ही नहीं लेना चाहता लेकिन जब इंसान का अपने ऊपर से कंट्रोल खत्म हो जाता है तो वह ऐसा दुखदाई कदम उठा लेता है । यदि आपको लगता है कि आपके … Read more
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