हमीरपुर . देश की सरहदों पर मां भारती की रक्षा करने वाले जिला हमीरपुर के डुग्घाकलां के सेवानिवृत्त ठाकुर मेहर सिंह मरणोपरांत कई जिस्मों में जिंदा रहेंगे। मानवता को सर्वोपरि मानने वाले ठाकुर मेहर सिंह ने अंगदान करने का फैसला लिया है जिसकी उन्हें नोटो (नेशनल आर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइनज) से मंजूरी भी मिल गई है। मंजूरी मिलने के बाद उन्होंने अपने परिजनों तथा चुनिंदा विश्वासपात्रों को इस बात की जानकारी दे दी है ताकि जीवन समाप्त होने के तुरंत बाद नोटो को सूचित किया जा सके। इसके लिए नोटो ने जारी किए गए सर्टिफिकेट में तथा आईडी कार्ड में अपना हेल्पलाइन नंबर भी शामिल किया है। बरोहा पंचायत के डुग्घाकलां निवासी 80 वर्षीय ठाकुर मेहर सिंह ने देहदान कर एक अनूठी मिशाल कायम की है। नोटो की तरफ से मिला आईडी कार्ड डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फेमिली वेल्फेयर, जीओआई की तरफ से प्रमाणित है।
15 साल तक आर्मी में दी सेवाएं
कलां के सेवानिवृत्त सिपाही ठाकुर मेहर सिंह ने आर्मी के सिग्नल कोर विंग में 15 साल तक सेवाएं प्रदान की हैं। वर्ष 1943 को किसान नरपत राम के घर डुग्घाकलां में पैदा हुए मेहर सिंह 1963 में सेना में भर्ती हुए थे। भर्ती होने के दो साल बाद उन्होंने भारत पाकिस्तान युद्ध में अपनी सेवाएं प्रदान कीं। उसके उपरांत भारत-पाकिस्तान की वर्ष 1971 की लड़ाई में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई है। वर्ष 1971 में ही उनके पिता का निधन हो गया लेकिन लद्दाख में कनेक्टिविटी न होने के चलते कई महीनों तक इस बात का पता नहीं चल पाया कि उनके पिता अब दुनिया में नहीं रहे हैं। जब वह कई महीनों के उपरांत घर पहुंचे तब पता चला कि पिताजी गुजर चुके हैं। कुछ वर्षों के बाद में उनकी माता का भी देहांत हो गया। उनकी एक बेटी है जिसकी शादी हो चुकी है। उनकी पत्नी का भी स्वर्गवास हो चुका है। मेहर सिंह जीवन के इस पड़ाव में भी पूरी तरह स्वस्थ है जिसका प्रमाण पीजीआई में हुए उनके महत्वपूर्ण अंगों के टेस्ट हैं। टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर ही उन्हें देहदान की मंजूरी प्रदान की गई है। मेहर सिंह घर पर अकेले ही रहते हैं। वह अपने लिए तीन वक्त का स्वयं खाना बनाते हैं। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया है कि स्वस्थ मनुष्य जरूर देहदान करें। मरणोपरांत शरीर आग में जलकर राख हो जाता है। यदि शरीर के अंग किसी के काम आ जाएं तो मरने के उपरांत भी व्यक्ति कई जिस्मों में जिंदा रह सकता है।