शिमला एक ऐसा नाम जिसे सुनते ही नजर आते हैं देवदार के हरे-भरे जंगल, सर्दियों में बर्फ से लदी पहाडिय़ां, जाखू पहाड़ी पर विराजमान पवनपुत्र हनुमान की विशालकाय प्रतिमा, मालरोड पर रंग-बिरंगे लोगों के बीच से गुजरते घोड़ों की टक-टक, गेयटी थियेटर, स्केंडल प्वाइंट ब्रिटिश काल की कुछ पुरानी यादों के साथ और भी बहुत कुछ जिसे महसूस करते ही मन खिल उठता है। शिमला को हिल्स क्वीन यानी पहाड़ों की रानी के नाम से भी संबोधित किया जाता है। शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है इस बात को हर कोई जानता है। शिमला वक्त के साथ-साथ भले ही कंकरीट के जंगल में तबदील होता जा रहा है लेकिन फिर भी इसकी खूबसूरती कम नहीं हुई। शिमला जितना आज खूबसूरत है उतना ही सुंदर इसका इतिहास भी रहा है। शिमला ब्रिटिश शासन के दौरान पूर्व में ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। शिमला शहर कई पहाडिय़ों पर बना हुआ है। महत्वपूर्ण पहाडिय़ों में जाखू (8050 फीट), प्रॉस्पेक्ट हिल (7140 फीट), ऑब्ज़र्वेटरी हिल (7050 फीट), एलिसीयम हिल (7400 फीट) और समर हिल (690 फीट) शामिल हैं।
शिमला, श्यामलय और शामला
शिमला नाम को लेकर भी संशय और विवाद रहा है। शिमला का नाम ‘श्यामलय से लिया गया था जिसका अर्थ है नीला घर जिसे जाखू पर फकीर द्वारा नीले रंग की स्लेट के बने घर का नाम कहा जाता है। एक संस्करण के अनुसार शिमला को ‘शामलाÓ नाम से लिया जाता है जिसका अर्थ है कि काली माता के लिए एक नीली महिला का दूसरा नाम है। यह स्थान जाखू पहाड़ी पर था, वहां देवी काली का मंदिर था। ब्रिटिश काल के दौरान देवी की प्रतिमा को एक नया स्थान दिया गया था, अब प्रसिद्ध काली बाड़ी मंदिर है ।
हिंदुस्तान तिब्बत सड़क का निर्माण
हिंदुस्तान तिब्बत सड़क का निर्माण 1850-51 में कालका से शुरू हुआ और यह शिमला तक हुआ था। शिमला तक का मार्ग 1860 तक पहिएदार यातायात के लिए इस्तेमाल किया गया था। संजौली के बाहर एक 560 फीट लंबी सुरंग का निर्माण किया गया था। 1864 में शिमला को भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया था। आजादी के बाद, शिमला पंजाब की राजधानी बन गई और बाद में हिमाचल प्रदेश की राजधानी का नाम रखा गया।
इतिहास से जुड़ी कुछ विशेष और रोचक बातें
मॉल रोड का स्कैंडल प्वाइंट पटियाला के पूर्व महाराजा की ऐतिहासिक घटना से जुड़ा हुआ है, यहां से दूरदराज़ की बर्फ से ढकी चोटियों का दृश्य नजऱ आता है। 1946 में भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के नेता एक महत्वपूर्ण सम्मेलन के लिए शिमला एकत्र हुए और आजादी के लिए स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया। 1903 में कालका-शिमला संकीर्ण रेलवे लाइन के पूरा होने से, कस्बों के विकास को बढ़ावा मिला। स्वतंत्रता के बाद, शिमला शुरू में पंजाब की राजधानी थी। हिमाचल प्रदेश के निर्माण के बाद 19 66 में हिमाचल प्रदेश की राजधानी घोषित किया गया था।
लेफ्टिनेंट चाल्र्स और शिमला की संरचना
ब्रिटिशकाल के दौरान शिमला को बसाने और फिर संवारने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वे थे लेफ्टिनेंट चाल्र्स पॅट कैनेडी, जो कि पहाड़ी राज्यों के तत्कालीन सहायक राजनीतिक एजेंट लेफ्टिनेंट रॉस के उत्तराधिकारी थे। लेफ्टिनेंट चाल्र्स पॅट कैनेडी ने 1822 में लेफ्टिनेंट कैनेडी के नाम पर ‘केनेडी हाउसÓ के नाम पर पहला स्थायी घर बनाया था। फिर 1830 में इसे शहर की तरह बसाने की कवायद हुई। दो साल बाद 1832 में ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड पीटर ऑरोनसन ने महाराजा रणजीत सिंह से जमीन ले ली क्योंकि इस जगह की अधिकतर जमीनें पटियाला रियासत के पास थीं। साल 1864 में इसका विकास कुछ इस तरह किया गया कि फिर इसे समर कैपिटल या ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया। फिर अंग्रेजों का आवागमन यहां बढ़ता ही गया। 1947 में आजादी के बाद, शिमला कुछ वर्षों के लिए पंजाब की राजधानी बन गई थी और बाद में इसे हिमाचल प्रदेश की राजधानी बना दिया गया।
सात-सात पहाडिय़ों पर बसा है शिमला
शिमला कुल मिलाकर सात पहाडिय़ों पर बसा हुआ है। इन सात पहाडिय़ों में जाखू हिल, एलिसियम हिल, बैंटनी हिल, प्रॉस्पेक्ट हिल, ऑब्जर्वेटरी हिल, इनवरम हिल और समर हिल शामिल हैं। इन सभी में सबसे प्रसिद्ध और ऊंची जाखू पहाड़ी है, जिसपर भगवान हनुमान का मंदिर स्थित है। मंदिर में भगवान हनुमान की प्रतिमा पूरी दुनिया में सबसे ऊंची है। इसकी लंबाई 108 फीट है।
कालका-शिमला रेल लाइन का निर्माण
शिमला और ऐतिहासिक इमारतों का जिक्र हो लेकिन यहां पहुंचने वाली हेरिटेज रेलगाड़ी की बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता। साल 1903 में कालका से शिमला के बीच रेल लाइन का निर्माण हुआ था। खास बात यह है कि इस रेललाइन को यूनेस्को ने हेरिटेज रेलवे ट्रैक का दर्जा दिया था। 1903 में बिछी इस 96 किलोमीटर की रेललाइन में 102 सुरंगें, 800 पुल और 18 रेलवे स्टेशन हैं। इसी रेल ट्रैक पर 1906 में ब्रिटिशकाल के दौरान भाप का इंजन दौड़ाया गया था। हालांकि, 1971 के बाद इसे बंद कर दिया गया और फिर 2001 में इसका संचालन शुरू हो गया।
शिमला के साथ बॉलीवुड का नाता
शिमला की खूबसूरती से समय-समय पर फिल्म जगत को अपनी ओर आकर्षित किया है। यहां कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है जिन्हें आपने देखा होगा। इन फिल्मों में बैंग-बैंग, ब्लैक, थ्री इडियट्स, तमाशा, जब वी मेट, गदर एक प्रेम कथा, मैं तेरा हीरो, उड़ान, राजू चाचा और मैं ऐसा ही हूं जैसी हिंदी फिल्में शामिल हैं।