हिमाचल प्रदेश में फिर शुरू हुई भर्तियां, सरकार द्वारा गठित राज्य चयन आयोग में OTA के 162 पदों को भरने का प्रोसेस शुरू

हमीरपुर. प्रदेश सरकार द्वारा हमीरपुर में गठित किए गए राज्य चयन आयोग में हर भर्ती आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से होगी। प्रथम भर्ती पायलट आधार पर ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी। इस बात की जानकारी गुरुवार को हमीरपुर पहुंचे हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग के चीफ एडमिस्ट्रेटर सीनियर आईएएस अधिकारी आरके पुरूथी ने थी। वे … Read more

नैना देवी में गिरे थे मां सती के नेत्र, उत्तर भारत की नौ देवी यात्राओं में छठा दर्शन मां नैना देवी का

बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश) . देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश की पावन धरती पर कई देवी देवताओं का वास है . इन्हीं देवी देवताओं में एक नाम मां नैना देवी देवी का है. नैना देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है . यह  शिवालिक पर्वत श्रेणी की पहाड़ियो पर स्थित  है। यह देवी के 51 शक्तिपीठों  में शामिल है।वर्तमान मे उत्तर भारत की नौ देवी यात्रा  मे नैना देवी का छठवां दर्शन होता है। जम्मू कश्मीर के वैष्णो देवी  से शुरू होने वाली नौ देवी यात्रा मे माँ चामुण्डा देवी, माँ वज्रेश्वरी देवी, माँ ज्वाला देवी, माँ चिंतपुरणी देवी, माँ नैना देवी, माँ मनसा देवी, माँ कालिका देवी, माँ शाकंभरी  देवी सहारनपुर आदि शामिल हैं।

भारतवर्ष के सभी 51 शक्तिपीठों है की उत्पत्ति कथा एक ही बताई जाती  है। यह सभी मंदिर भगवान शिव और माता शक्ति से जुड़े हुऐ हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इन सभी स्थलो पर देवी के अंग गिरे थे। कहा जाता है कि भगवान शिव के ससुर राजा दक्ष ने यज्ञ का आयोजन किया जिसमे उन्होंने शिव और सती को आमंत्रित नही किया क्योंकि वह भगवान शिव को अपने बराबर का नही समझते थे। यह बात माता सती को काफी बुरी लगी और वह बिना बुलाए यज्ञ में पहुंच गयी। यज्ञ स्‍थल पर भगवान शिव का काफी अपमान किया गया जिसे माता सती सहन न कर सकीं और वह हवन कुण्ड में कुद गयीं। जब भगवान शंकर को यह बात पता चली तो वह आये और माता सती के शरीर को हवन कुण्ड से निकाल कर तांडव करने लगे। जिस कारण सारे ब्रह्माण्ड में हाहाकार मच गया।

पूरे ब्रह्माण्ड को इस संकट से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने माता सती के शरीर को अपने सुदर्शन चक्र से 51 भागो में बांट दिया जो अंग जहां पर गिरा वह शक्ति पीठ बन गया। कोलकाता में केश गिरने के कारण महाकाली, नगरकोट में स्तनों का कुछ भाग गिरने से माता बृजेश्वरी, ज्वालामुखी में जीह्वा गिरने से माता ज्वाला देवी, हरियाणा के पंचकुला के पास मस्तिष्क का अग्रिम भाग गिरने के कारण माता मनसा देवी, कुरुक्षेत्र में टखना गिरने के कारण माता भद्रकाली, सहारनपुर के पास शिवालिक पर्वत पर शीश गिरने के कारण माता शाकम्भरी देवी, कराची के पास ब्रह्मरंध्र गिरने से माता हिंगलाज भवानी, असम में कोख गिरने से माता कामाख्या देवी, चरणों के कुछ अंश गिरने के कारण माता चिंतपूर्णी आदि शक्ति पीठ बन गए।मान्यता है कि नैना देवी मे माता सती के नेत्र गिरे थे।, हर साल लाखों श्रद्धालु मां नैना देवी के दर्शनों के लिए आते हैं. मान्यता यह भी है कि आंखों से जुड़ी कोई भी समस्या की अरदास अगर मां नैना देवी के चरणों में की जाए तो वह पूरी हो जाती है. 

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