विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफा स्वीकार न करने के विरोध में तीनों निर्दलीय विधायक धरने पर बैठे

शिमला. हिमाचल प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायकों आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर का विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफ़ा स्वीकार न करने पर शनिवार को तीनों निर्दलीय विधानसभा परिसर में धरने पर बैठे। बता दें कि तीनो ने 22 मार्च को अपना इस्तीफ़ा अध्यक्ष को सौंपा था। लेकिन अभी तक विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इस्तीफ़ा मंजूर नहीं किया है। इससे नाराज निर्दलीय विधायक शनिवार को विधानसभा परिसर पहुंचे और धरने पर बैठ गए।

तीनों निर्दलीय विधायक भाजपा का दामन थाम चुके हैं। विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद इन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है। तीनों निर्दलीय विधायकों ने स्पष्ट किया कि इन्होंने बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से अपने इस्तीफे दिए हैं और स्पीकर को ये तत्काल मंजूर कर लेने चाहिए। विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे होने के बावजूद स्पीकर पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही अनदेखी से विवश होकर उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को वोट किया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बदले की भावना से काम कर रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। उनके परिवार के कारोबार को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। अगर इस्तीफ़ा मंजूर नहीं होता है तो जल्द ही कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

Feet touch ceremony in Samirpur. Ex CM प्रो. धूमल भी देंगे क्या विजयी भव: का आशीर्वाद

हमीरपुर. प्रदेश में गर्मी ने अभी भले ही सही तरीके से दस्तक न दी हो लेकिन यहां सियासी पारा अधिकतम तापमान पर नजर आ रहा है। हर दिन सियासी रूपी मौसम के नए-नए रंग यहां की जनता देख रही है। शुक्रवार का दिन प्रदेश की सियासत खासकर मु यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के गृहजिले में एक ओर जहां यादगार बन गया वहीं राजनीति की नई तस्वीर और कहानी भी बयां कर गया। जैसा कि सबको पता है कि सुजानपुर और बड़सर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन-तीन बार के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखनपाल पिछले दिनों कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुक है। राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करने के उपरांत प्रदेश में बदले राजनीतिक समीकरणों के बाद जब वे भाजपा में शामिल होने के बाद गुरुवार को वे अपने-अपने हलकों में पहुंचे तो प्रोटोकॉल के अनुसार भाजपा के मंडलों और अन्य पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया।

शुक्रवार को दोनों पूर्व विधायक पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार पूर्व मु यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल से मिलने और आशीर्वाद लेने उनके घर समीरपुर पहुंचे। दोनों नेताओं का समीरपुर पहुंचना राजनीति के अध्याय का वो घटनाक्रम था जिसकी शायद ही किसी ने कल्पना की हो। कल्पना इसलिए नहीं की होगी कि वर्ष 2017 के बाद से राजेंद्र राणा खुद को ऐसे फेमस चेहरे के रूप में प्रदेश ही नहीं पूरे देश में देख रहे थे जिन्होंने भाजपा के संभावित मु यमंत्री चेहरे को हराया था। वहीं धूमल परिवार समेत प्रदेश में बैठा उनका एक-एक समर्थक राणा को राजनीति में अपना धुर विरोधी मानता रहा। सियासी मंचों पर जहां राणा ने पूर्व मु यमंत्री पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी वहीं धूमल समर्थक भी कभी राणा पर सियासी हमला करने से पीछे नहीं हटे। आज वही राणा ऊपर से आशीर्वाद लेकर भाजपा के पूरे दल-बल के साथ अपने राजनीति के गुरु प्रो. धूमल का आशीर्वाद लेने के लिए उनकी दहलीज तक आ पहुंचे। राणा ने बकायदा धूमल साहब के चरण स्पर्श किए। लेकिन सवाल उठता है कि जिस तरह से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर राणा समेत कांग्रेस के सभी पूर्व विधायकों को अपना आशीर्वाद दे चुके हैं उसी तरह क्या पूर्व मु यमंत्री धूमल ने भी ‘विजयी भव:Ó का आशीर्वाद उन्हें दिया होगा। यह सवाल सबके दिमाग में उपजा है।

वहीं इंद्रदत्त लखनपाल जोकि कांग्रेस की उस मु य कड़ी सेवादल का अहम हिस्सा रहे हैं जोकि पार्टी की रीढ़ कही जाती है। हो सकता है उन्होंने पूर्व मु यमंत्री को डायरेक्ट कोई नुकसान न पहुंचाया हो लेकिन उन्होंने भी  उस हलके पर सेंधमारी की है जहां बलदेव शर्मा रूपी प्रो. धूमल के हनुमान विराजमान हैं। जिन्हें वे तीन टर्म से लगातार हरा रहे हैं और उनका फिलहाल आगे का फाटक भी बंद कर दिया है। समीरपुर में शुक्रवार को हुई यह फीट टच सैरेमनी लोकसभा और उपचुनावों में किस के लिए खुशियां और किस के लिए उदासियां लेकर आती हैं यह देखना दिलचस्प होगा।

जनता को CM, नेताओं को टिकट की चिंता
उधर, दूसरी ओर यह देखकर भी हैरानी हो रही है कि हमीरपुर की आम जनता जहां अपने महबूब मु यमंत्री के लिए परेशान और बेचैन है वहीं यहां ओहदा लिए बैठे कांग्रेस के नेता खामोश नजर आ रहे हैं। गुरुवार को हमीरपुर में इतना बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम हुआ लेकिन मजाल है कि एकआद को छोड़कर किसी ने कोई कड़ी प्रतिक्रिया दी हो। हमीरपुर के लोग तो यहां सबकुछ किनारे रखकर अपने मु यमंत्री के साथ खड़े नजर आ रहे हैं लेकिन कांग्रेस के नेताओं का पूरा फोकस अपनी टिकटों पर केंद्रित है।

कहा-सुना सब माफ… पूर्व मुख्यमंत्री धूमल के दर पहुंचे BJP में शामिल हुए कांग्रेस के तीन-तीन बार के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और इंद्रदत्त लखनपाल

कहा-सुना सब माफ….

ये तस्वीर ही आज पूरी कहानी बयां कर रहीं

समीरपुर की गलियों ने कभी सोचा ना होगा… 

हमको राणा जी माफ करना…दिल पे पत्थर रख फूलों की मालाओं से करना पड़ा सब नेताओं का स्वागत

हमीरपुर. अपने होठों को तबस्सुम को सजाये बैठे हैं जख्म गहरे हैं मगर छिपाए बैठे हैं…। एक शायर की लिखी ये पक्तियां इतना बताने और समझाने के लिए काफी हैं कि दिल न चाहे भी तो कई बार चलना पड़ता है सबकी खुशी के लिए या फिर मजबूरी के लिए। दरअसल कुछ ऐसा ही मंजर … Read more

पंजाबी सिंगर सतिंद्र सरताज के नाम रही राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव की अंतिम सांस्कृतिक संध्या

सुजानपुर । राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव की अंतिम सांस्कृतिक संध्या प्रसिद्ध पंजाबी गायक सतिंद्र सरताज के नाम रही। उन्होंने एक के बाद एक पंजाबी गीत प्र्रस्तुत करके खूब समां बांधा।हिमाचल प्रदेश पुलिस के प्रसिद्ध ग्रुप ‘हाॅरमनी आॅफ पाइन्स’ के कलाकारों ने भी दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। इनके अलावा हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लोक कलाकार दलीप सिरमौरी, काकू ठाकुर, प्रसिद्ध काॅमेडियन रविंद्र जाॅनी और अन्य कलाकारों ने भी अपनी शानदार प्रस्तुतियों से होली उत्सव की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में खूबसूरत रंग बिखेरे।

अंतिम सांस्कृतिक संध्या में हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।उपायुक्त हमीरपुर एवं राष्ट्र स्तरीय होली उत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी का आयोजन समिति की ओर से स्वागत किया।

इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश विकास भारद्वाज, एसपी पदम चंद, एडीसी मनेश यादव, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गौरव महाजन,
एएसपी राजेश कुमार, एसडीएम डाॅ. रोहित शर्मा, अन्य अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

शिमला में ड्राइवर-कंडक्टर से मारपीट का विवाद गहराया, HRTC के मुलाजिम कर सकते हैं चक्का जाम

हमीरपुर। एचआरटीसी के चालक-परिचालक से जिला शिमला के जुन्गा में हुई मारपीट के मामले को लेकर हिमाचल पथ परिवहन निगम संयुक्त समन्वय समिति मुखर हो गई है। समिति ने दो टूक कहा है कि यदि दोषियों को तुरंत पकड़ा न गया और उचित कार्रवाई न की गई तो प्रदेशभर में एचआरटीसी के मुलजिम चक्का जाम करेंगे। उन्होंने इस सारे घटनाक्रम में पुलिस की कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा किया है। मारपीट में बुरी तरह से घायल हुआ कंडक्टर राहुल चौहान मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र नादौन का है जबकि चालक हरविंद्र जुन्गा का बताया जा रहा है।
समिति के प्रदेशाध्यक्ष ने जुंगा पुलिस चौकी में तैनात सभी स्टाफ को बदलने और उनको निष्कासित करने की मांग भी सरकार से की है। मंगलवार को एचआरटीसी वर्कशॉप हमीरपुर में प्रैस वार्ता में एचआरटीसी संयुक्त समन्वय समिति के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि होली के दिन जुन्गा में ड्राइवर-कंडक्टर के साथ हुई मारपीट की एचआरटीसी संयुक्त समन्वय समिति कड़़े शब्दों में निंदा करती है।

मान सिंह ठाकुर ने होली के दिन जुंगा में ड्राइवर-कंडक्टर के साथ हुई मारपीट में पुलिस द्वारा सहयोग न करने के आरोप लगाए । उन्होंने बताया कि शिमला डिपो की लोकल रूट की साधुपूल से जुंगा रूट पर जा रही बस जैसे ही जुंगा में पहुंची, तो सड़क के बीचोंबीच होली खेल रहे युवाओंं को बस के ड्राइवर ने सड़क किनारे होली खेलने को कहा, तो युवाओं ने ड्राइवर को गले से पकडकऱ नीचे उतार लिया और बस के कंडक्टर को भी बुरी तरह से पीट डाला है। निगम कर्मचारियों ने जब जुंगा पुलिस चौकी को इस बारे में सूचना दी, तो करीब एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और निगम कर्मचारियों को अपना ईलाज करवाने का कहा। रात करीब आठ बजे तक एक भी युवक को पुलिस ने नहीं पकड़ा था। पुलिस बार-बार यही कह रही थी वह कार्यवाही कर रहे हैं। ऐसे में निगम के एमडी रोहन चंद ठाकुर और डिपो के आरएम विनोद शर्मा ने मारपीट मामले को लेकर पुलिस से से पूछा तो पुलिस हरकत में आई और रात करीब 10 बजे तक दो लडक़ों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया। बाद में मुख्यमंत्री के पीए से शिमला पुलिस को फोन करवाया गया, तो रात करीब 12 बजे तक चार लडक़ों को पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया। जबकि चार युवक अभी भी फरार चल रहे हैं, जोकि कुछ पुलिस वालों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। मान सिंह ठाकुर ने कहा कि कानून के रक्षक ही भक्षक बन बैठे हैं। ऐसे में निगम के कर्मचारियों का कानून व्यवस्था के खिलाफ काफी रोष है। इस दौरान ड्राइवर यूनियन के प्रदेश प्रैस सचिव जगरन्नाथ ठाकुर, ड्राइवर यूनियन हमीरपुर अध्यक्ष अमरनाथ, ड्राइवर यूनियन प्रधान पवन ठाकुर, संजीव कुमार, चमन लाल, सतीश कुमार, प्रदीप कुमार, हेमराज, हरी सिंह आदि मौजूद रहे।

धर्मशाला से सुधीर, सुजानपुर से राणा समेत भाजपा ज्वाइन करने वाले सब पूर्व विधायकों को BJP का टिकट

शिमला. भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय चुनाव समिति ने मंगलवार 26 मार्च को देश में होने जा रहे उपुचनावों के उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी। बात हिमाचल की करें तो भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करने वाले उन सभी पूर्व विधायकों को टिकट दिया है जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं। हालांकि अभी तक उन आजाद विधायकों को टिकट नहीं दिया जा सका है जोकि भाजपा में आए हैं। दरअसल विधानसभा स्पीकर की ओर से अभी तक उनके रिजाइन स्वीकार न करना इसकी वजह बताया जा रहा है।

भाजपा केंद्रीय चुनाव समिति की ओर से जारी लिस्ट में लाहौल स्पिती से रवि ठाकुर, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्रदत्त  लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा , कुटलेहड़ से देविंद्र भुट्टो और धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से सुधीर शर्मा को उपचुनाव में भाजपा का टिकट दिया गया है। इन  पूर्व कांग्रेस नेताओं और पूर्व विधायकों को भाजपा में टिकट मिलने के बाद एक बा तो तय है कि इस बार हिमाचल प्रदेश में होने वाला उपचुनाव काफी रोचक होगा।

हिमाचल कांग्रेस के 6 बागी विधायक BJP में शामिल, भाजपा के टिकट पर लड़ेंगे उपुचनाव

नई दिल्ली । हिमाचल कांग्रेस में चली उठापटक के बीच आखिर पार्टी से बागी हुए छह विधायकों ने शनिवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। भाजपा हाईकमान के शीष नेताओं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल से भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत अन्य नेताओं ने पार्टी ज्वाइन करने वाले कांग्रेस के सभी छह विधायकों को भगवा पटके पहनाकर भाजपा ज्वाइन करवाई। इन विधायकों में सुधीर शर्मा, राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं।

उधर, प्रदेश के तीन निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर भी औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने शुक्रवार को शिमला पहुंचकर अपने इस्तीफे विधानसभा सचिव को सौंपे थे। बता दें कि राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ क्रॉस वोटिंग करने और उसके बाद व्हिप का उल्लंघन करने के उपरांत कांग्रेस के छह विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य घोषित कर दिया था।

हमीरपुर में बिना दस्तावेजों के मिला ड्रोन, किराये के मकान में रह रहा कांगड़ा निवासी कर रहा था इस्तेमाल

हमीरपुर . बिना अनुमति के ड्रोन का संचालन कर रहे एक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी के पास ड्रोन से संबंधित किसी भी प्रकार के कानूनी दस्तावेज नहीं थे। पुलिस ने उसके खिलाफ एयरक्राफ्ट एक्ट में केस दर्ज किया है। आरोपी की पहचान अभिषेक निवासी गांव बुशहरा तहसील शाहपुर जिला कांगड़ा के रूप में हुई है। वह मौजूदा समय में हमीरपुर शहर से सटे घनाला गांव में रहता है। प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि अभिषेक इस ड्रोन का पिछले चार-पांच महीनों से अवैध रूप से संचालन कर रहा था तथा इस कार्य के लिए उसने एक स्थानीय व्यक्ति के मकान का लेंटर किराए पर ले रखा था। इस कार्य में कुछ और लोगों की संलिप्तता का भी अंदेशा जताया जा रहा है। फिलहाल पुलिस जांच कर रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक थाना सदर हमीरपुर में पुलिस को सूचना मिली थी कि गाहलिया गांव में एक निजी स्कूल के पास एक ड्रोन गिरा हुआ है। इस सुचना के आधार पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पूछताछ के दौरान स्थानीय लोगों ने  बताया कि उस ड्रोन को अभिषेक नाम का व्यक्ति अपने साथ गांव घनाल स्थित अपने निवास स्थान पर लेकर चला गया है। उसके बाद पुलिस टीम गांव घनाल पहुंची जहां स्थानीय वार्डपंच व लोगों की मौजूदगी में अभिषेक के किराये के माकान की तलाशी ली गई तो वहां एक ड्रोन पाया गया। पुलिस ने अभिषेक से संबंधित ड्रोन के दस्तावेज मांगे परंतु उक्त व्यक्ति कोई भी कानूनी दस्तावेज संबंधित ड्रोन के  बारे  में प्रस्तुत नहीं कर सका। पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ कि यह व्यक्ति ड्रोन द्वारा नेरचौक के स्थानीय  दवाई विक्रेताओं से हमीरपुर के लिए दवाइयों की आपूर्ति करता है। लेकिन  ड्रोन के हवाई मार्ग से आवागमन संबंधि कोई भी परमिट व अनुमति पत्र अभिषेक प्रस्तुत नहीं कर सका। ऐसा माना जा रहा है कि अभिषेक इस कार्य को अकेले अंजाम नहीं दे रहा था बल्कि इसमें कुछ और लोग भी शामिल हो सकते हैं।

हमीरपुर में रेप के मामले में जेल में बंद कैदी ने बाथरूम में कंबल से फंदा लगाकर की आत्महत्या

हमीरपुर. जेल में पोक्सो एक्ट में अंडर ट्रायल चल रहे आरोपी ने जेल के अंदर फंदा लगाकर जान दे दी है। शनिवार सुबह तड़के लगभग 4:00 बजे उसने कंबल का फंडा लगाकर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर दिया। जब तक जेल अधिकारियों तथा कर्मचारियों को पता चलता तब तक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। बताया यह भी जा रहा है कि काफी अधिक कैदी एक ही बैरग में सो रहे थे लेकिन किसी को भी उसकी हरकत का पता नहीं चल पाया। जेल में अचानक इस तरह का कदम उठाने के बाद सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सूचना मिलने के बाद जिला कारागार पहुंचे मृतक के परिजनों ने सुरक्षा प्रबंध पर सवालिया निशान खड़े किए। उनका कहना था कि यदि इस तरह से होता रहा तो फिर अंदर रहने वाले लोगों की सुरक्षा कैसे हो पाएगी। परिजनों का यह भी आरोप है कि उन्हें लगभग 10:00 बजे इसकी जानकारी दी गई जबकि यह वाक्या सुबह 4:00 बजे हो चुका था।
जानकारी के मुताबिक उपमंडल बड़सर के तहत आने वाली पथलियार पंचायत के पथलियार गांव से संबंध रखने वाले 38 वर्षीय व्यक्ति पर नाबालिग से दुराचार करने के आरोप लगे थे। उसके बाद आरोपी को पुलिस कार्यवाही से गुजरना पड़ा तथा बाद में इसे ट्रायल पर जिला कारागार में रखा गया था। शनिवार सुबह इसने कंबल को एक तरफ से फाड़कर उसकी रस्सी बनाई और शौचालय में जाकर फंदे से झूल गया। हर एक पहलू से मामले की जांच की जा रही है तथा फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है।

 कैदी की मौत के बाद फूटा परिजनों का गुस्सा

जिला कारागार हमीरपुर में हुई कैदी की मौत के बाद परिजनों का गुस्सा जमकर फूट पड़ा। पता लगने के बाद शनिवार दोपहर पहुंचे परिजनों ने जमकर गुबार निकाला तथा सुरक्षा घेरा भी तोड़ दिया। परिजनों मुख्य गेट भी जमकर थपथपाया आया। रो रहे परिजनों पुलिस प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगा दिए। स्थिति आउट ऑफ़ कंट्रोल होता देख पुलिस के अधिकारी लोगों को समझने के लिए बाहर निकले लेकिन परिजन समझने को तैयार नहीं थे। परिजनों का कहना था कि आखिर कैसे जेल में उनके बच्चे ने ऐसा खौफनाक कदम उठा लिया। इसे जेल प्रशासन की कोताही कहा जा रहा था। माहौल थाना पूर्ण होता देख माननीय न्यायाधीश को लोगों के बीच आना पड़ा। माननीय न्यायाधीश के समझाने के बाद लोग शांत हुए।

गुस्साए लोगों ने दो घंटे तक हाइवे जाम रखा

33 वर्षीय युवक द्वारा जेल के बाथरूम में फंदा लगा कर आत्महत्या करने के बाद उसके परिजनों के साथ ग्रामीणों ने बड़सर थाने में जमकर हंगामा किया। सुबह हंगामे के दौरान नेशनल हाइवे को भी बाधित करने की कोशिश की गई हालांकि पुलिस की सूझबूझ से उन्हें शांत करवाकर वहां से भेज दिया गया। लेकिन देर शाम फिर से गांववासियो द्वारा इंसाफ की मांग को लेकर हाइवे जाम कर दिया गया। खबर लिखे जाने तक थाने के बाहर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी और हाइवे के दोनो तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी। प्रदर्शन कर रहे लोग डेड बॉडी को मौके पर लाने और प्रशाशन व पुलिस के आलाधिकारियों को मौके पर लाने की मांग पर अड़े हुए थे।

 

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