Ex.CM प्रो. प्रेम कुमार धूमल का 10 अप्रैल को जन्म दिवस, 81वे जन्मदिवस पर 81खेल मुकाबले

हमीरपुर. #Ex CM Dhumal Birthday प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के 10 अप्रैल बुधवार को मनाए जाने वाले 1वे जन्म दिवस के उपलक्ष पर सामाजिक संस्था खेल सप्ताह आयोजित कर रही है, जिसमें विभिन्न खेल केन्द्रो पर इंटरनल 81 खेल मुकाबले आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी संस्था के प्रवक्ता सुभाष ठाकुर ने … Read more

हमीरपुर फिर से बनने लगा राजनीति का केंद्र, समीरपुर के इर्द-गिर्द घूम रही प्रदेश की सियासत

हमीरपुर. कभी भाजपा का गढ़ और राजनीति और सत्ता का केंद्र कहा जाने वाला हमीरपुर एक बार फिर से सियासत का सेंट्रल प्वाइंट बन गया है। पिछले कुछ समय से हर किसी को समीरपुर की गलियां याद आ रही हैं। करीब 15 दिनों से प्रदेश का हर नेता समीरपुर यानि पूर्व मु यमंत्री प्रो. धूमल … Read more

भारत में अदृश्य होगा रात 9 बजकर 12 मिनट पर लगने वाला सूर्यग्रहण, नहीं होगा कोई प्रभाव

हमीरपुर। #Surya Grehan आज आठ अप्रैल 2024 को रात 9 बजकर 12 मिनट पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला। ग्रहण के कारण 7.5 मिनट तक सूर्य दिखाई नहीं देगा। इस स्थिति में पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह से अंधेरे में डूब जाएगा। इस समय चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट आ जाता है। … Read more

चुनावी बिसात बिछाने फिर नादौन पहुंचे मुख्यमंत्री, कहा अच्छा हुआ बिकाऊ लोग कांग्रेस से चले गए

कांगड़ा । लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव  में जीत दर्ज करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने गृहविधानसभा क्षेत्र नादौन से चुनावी बिसात बिछा रहे हैं। बीते सप्ताह वे दो दिन नादौन प्रवास के दौरान कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेकर चक्रव्यूह रचने में लगे हैं और अब एक बार फिर से सोमवार को दिल्ली से लौटने के बाद नादौन में पहुंचकर वे चुनावी रणनीति को आगे बढ़ाएंगे। इस बार मुख्यमंत्री पांच दिनों यानि 12 अप्रैल तक तक नादौन में प्रवास पर रहेंगे। 13 की सुबह वे दोबारा शिमला लौट जाएंगे। इन पांच दिनों में उनका एक दिन उनका जिला मुख्यालय हमीरपुर में भी कार्यक्रम है।

दिलचस्प बात यह है कि 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री हमीरपुर में कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे और 11 को यहां गांधी चौक पर भाजपा एक बड़ी रैली करने जा रही है। शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री हवाई जहाज के माध्यम से जिला कांगड़ा के गग्गल एयरपोर्ट पर उतरे। यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने जहां लोकसभा चुनावों की चारों सीटें जीतने का दावा किया, वहीं उपचुनाव की भी सभी सीटें कांग्रेस की झोली में डालने की बात कही।  यही नहीं मुख्यमंत्री बागियों पर निशाना साधना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ जो बिकाऊ लोग कांग्रेस से चले गए। दोपहर तक मुख्यमंत्री नादौन पहुंच जाएंगे और यहां सेरा रेस्ट हाउस में रुकेंगे।

चैत्र नवरात्र : इस बार घोड़े पर सवार होकर आयेंगी मां दुर्गा, देश दुनिया में अनहोनी की संभावना

Chaitra Navratri 2024: इस बार 9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जो कि 17 अप्रैल तक रहेगी।देशभर में नवरात्र का पर्व अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्र का अर्थ है कि ‘नौ विशेष रातें’। इन नौ रातों में देवी शक्ति और उनके नौ रूपों की विशेष पूजा-अर्चना करने का … Read more

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह बोले , सुधीर शर्मा बागियों के सरगना, 15 करोड़ से अधिक मिले 

नादौन. अपने गृह विधानसभा क्षेत्र के दो दिवसीय प्रवास पर आए मुख्यमंत्री  ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को बागी विधायकों और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर एक बार फिर तीखा हमला बोला। नादौन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए CM ने कहा कि धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा बागियों के सरगना हैंए उन्हें 15 करोड़ रुपये से भी अधिक मिले होंगे। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए छह पूर्व विधायकों के सभी कारनामे जनता की अदालत में सामने आएंगे। जिन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित की हैए उनके मामले भी खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की सत्ता की भूख ज्यादा बढ़ गई है। वोट के दम पर सरकार नहीं बना सके तो अब नोटों के दम पर सत्ता हथियाना चाह रहे हैं।

जनता भाजपा को नकार चुकी हैए यह जयराम ठाकुर को दिमाग में बिठा लेना चाहिए। अन्य प्रदेशों में भाजपा ने नोटों के दम सत्ता हथियाईए वैसा ही हिमाचल में करना चाह रहे थे। लेकिनए भगवान हमारे साथ हैं और उन्होंने हमें जनता की सेवा का मौका दिया है। ठाकुर सुखविंदर सिंह ने कहा कि बिकाऊ को जनता कभी जिताऊ नहीं बनाएगी। बागी विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों में 300 से 400 करोड़ रुपये के काम हुए हैं। उनकी मर्जी के एसडीएमए बीडीओए तहसीलदारए अधिशाषी अभियंता और एसडीओ लगाए फिर भी बिक गए। राजनीति में यह नहीं होना चाहिए कि चुनाव में जो राशि खर्च की है विधायक बनने के बाद उसे पूरा करने में जुट जाएं और कमाई न हो तो सरकार गिराने की साजिश रच दें। बिकाऊ विधायकों का चरित्र जनता के सामने बेनकाब हो चुका है। मु यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने आजादी से पहले और बाद में भी लड़ाई लड़ी। पहले देश को आजाद कराने की लड़ाई थीए बाद में देश को अपने पैरों पर खड़ा करने की। जब देश आजाद हुआ तब सुई तक नहीं बनती थी। कांग्रेस के दो प्रधानमंत्रियोंए एक पूर्व मुख्यमंत्री सहित अनेक नेताओं व कार्यकर्ताओं ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर किये हैं। कांग्रेस की विचारधारा देश को आगे बढ़ाने की है।

Hamirpur का यह ऐतिहासिक गांधी चौक है जो अंजान लोगों को शहर का पता बताता है

हमीरपुर. जिला मुख्यालय हमीरपुर का ऐतिहासिक गांधी चौक जो वर्षों से छोटे से बड़े समाजिक, धार्मिक और राजनैतिक आयोजनों का गवाह रहा है, आज अपनी नई काया पाकर इठलाता और जगमगाता हुआ नजर आ रहा है। वो गांधी चौक जो जिसने यहां आने वाले अन्जान लोगों को हमीरपुर शहर का पता बताया है उसका रंग-रूप बदला-बदला सा नजर आ रहा है। समय-समय पर इसके जीर्णोद्धार की मांग उठती रही और कई बार इसके मुरम्मत कार्य हुए भी। लेकिन पहली बार शहर का यह मुख्य साइन प्वाइंट ऐसे रंग-रूप में नजर आया है जिसकी कल्पना शायद वर्षों से लोग कर रहे थे। गुुरुवार को शहर का यह मुख्य स्थल गांधी चौक नए रंग रूप में लोगों को समर्पित कर दिया गया। नगर परिषद हमीरपुर द्वारा पिछले करीब 45 दिनों से गांधी चौक के चलाए गए जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के कार्य को कारीगिरों ने बुधवार को अंतिम रूप दे दिया। दिलचस्प बात यह रही कि इस चौक को संवारने का काम डेढ़ महीने से युद्धस्तर पर दिन-रात चलता रहा। बताया जा रहा है कि इस पर 20 लाख से अधिक की राशि खर्च की गई है। पूरा गांधी चौक शाम होते ही रंग-बिरंगी व दुधिया रोशनी से जगमगा रहा है। ऐसे में शहर से गुजरने वाले लोग गांधी चौक के नुए लुक की वीडियो बनाने व फोटो खींच कर सोशल मीडिया में डाल रहे हैं।
इतिहास पर नजर दौड़ाए तो ऐतिहासिक गांधी चौक का उद्घाटन महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्तूबर 2005 को हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायिक अनिता वर्मा ने किया था। गांधी चौक का डिजाइन एनआईटी हमीरपुर द्वारा बनाया गया था, जोकि शहर के लोगों को भी काफी पसंद भी आया था। लेकिन समय के साथ-साथ और बदलते परिवेश के कारण गांधी चौक के जीणोद्धार की मांग पिछले कुछ वर्षों से उठ रही थी। ऐसे में करीब 18 वर्षों बाद इसको दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया था। नगर परिषद हमीरपुर ने शहर के व्यस्त चौक होने के बावजूद भी 45 दिनों के अंदर दिन-रात काम करते हुए ऐतिहासिक गांधी चौक को लोगों को समर्पित कर दिया है। गांधी चौक की दीवारों व छत्त को नए डिजाइन में सजाया गया है। इसके अलावा चौक की सीढिय़ों को भी बदला गया है। गांधी चौक में रखे गए पुराने बैंच इत्यादि बदलकर नए बैंच लोगों को बैठने के लिए लगाए दिए गए हैं। यही नहीं ऊपर व नीचे फूलों के गमले रखे गए हैं, ताकि यहां पर जो भी लोग यहां बैठें उन्हें फूलों की खुशबू और रंगत खुशनुमा बनाती रहे। इसके अलावा छत्त पर दो पंखे भी लगाए जाएंगे। गांधी चौक के ऊपर व नीचे छोटी-छोटी लाइटें लगाई गई हैं, जोकि शाम ढलते ही दूधिया रोशनी व रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगा रही हैं। गांधी चौक के टॉप पर टूरिज्म विभाग द्वारा बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएगी। इसमें विज्ञापन इत्यादि प्रसारित किए जाएंगें जोकि नगर परिषद की आय का स्त्रोत हो सकता है।
Gandhi Chowk old look

 

1966 में लगाई थी महात्मा गांधी की प्रतिमा
80 के दशक में कर्मचारियों की हड़ताल के केंद्र बिंदु के रूप में भी गांधी चौक काफी मशहूर हुआ था। धरना-प्रदर्शनों तथा आंदोलनों के चलते लोगों ने इस चौक को क्रांति चौक का नाम देना भी शुरू कर दिया था। 1980 में कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के दौरान सभी कर्मचारी यहां पर ही एकत्रित होते थे और यहां से अपनी रैलियों का श्रीगणेश भी करते हैं। इस हड़ताल के बाद नियमित तौर पर धरने और प्रदर्शनों के लिए कर्मचारियों तथा श्रमिकों ने इस चौक को ही केंद्र बिंदु के रूप में चुना।

 

1966 में स्थापित की गई थी गांधी की प्रतिमा
जानकारों की मानें तो 1966 के आस-पास इस चौक पर गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई थी। उस समय हमीरपुर शहर पंजाब सरकार के अधीन हुआ करता था। बताते हैं कि महात्मा गांधी की प्रतिमा को नौ अगस्त 2000 को कुछ शरारती तत्वों ने तोड़ दिया था, जिस पर काफी हंगामा भी हुआ था और मामला माननीय न्यायालय तक पहुंचा था।

 

मास्टर हरनाम व ज्ञान चंद ने दी थी जमीन

चौक पर गांधी चौक की प्रतिमा स्थापित करने के लिए जमीन मास्टर हरनाम सिंह ठाकुर और स्वर्गीय ज्ञान चंद पुत्र गुलाबा राम गौड़ा खुर्द (अप्पर) वार्ड नंबर दस से ली गई थी। इसके साथ ही हमीरपुर शहर का पुराना बस अड्डा भी स्थित था। यहां से अड्डा तबदील हो गया और चौक से कुछ दूरी पर ही मिनी सचिवालय का निर्माण करवाया गया। आज जब गांधी चौक का जीर्णोद्धार हुआ है तो हर कोई मास्टर हरनाम सिंह और स्वर्गीय ज्ञान चंद को याद कर रहा है।

राजेंद्र राणा के इर्द-गिर्द घूमती रही सुजानपुर हलके की सियासत, सिर्फ एक बार बना बीजेपी का एमएलए

हमीरपुर. 74763 मतदाताओं (36398 पुरुष, 38365 महिला मतदाता ) वाला सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र जिला हमीरपुर का वो हलका जिसमें आज तक बीजेपी एक उपचुनाव  को छोडक़र आजतक अपना खाता नहीं खोल पाई। साल 2008 में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के दौरान अस्तित्व में आए इस विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012 में पहली बार चुनाव … Read more

अनुराग ठाकुर भूल जाएं, इस बार कांग्रेस को दिलाएंगे ऊना में लीड, कांग्रेस नेता सतपाल रायजादा ने किया दावा

हमीरपुर. संसदीय क्षेत्र हमीरपुर के चार बार के सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पूर्व में इसलिए जीत हासिल करते रहे कि उन्हें ऊना जिला से लीड मिलती रही। लेकिन इस बार ऊना से उन्हें लीड नहीं मिलेगी बल्कि कांग्रेस प्रत्याशी को मिलेगी। यह कहना है हमीरपुर पार्लिमेंट्री से कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी व पूर्व विधायक सतपाल रायजादा का। बुधवार को गुपचुप जिला हमीरपुर की टोह लेने पहुंचे रायजादा ने शाम को मीडिया से अनौपचारिक बातचीत के दौरान कहा कि इस बार लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत पक्की है। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी उनके नाम पर फाइनल मुहर लगनी शेष है लेकिन इतना तय है कि यदि उन्हें प्रत्याशी बनाया जाता है तो ऊना जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों से कांग्रेस लीड लेगी।

उन्होंने कहा कि उपमु यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और जिला ऊना के तमाम कार्यकर्ताओं के सहयोग से वे नि:संदेह लीड लेंगे। उन्होंने कहा कि जहां तक हमीरपुर की बात है तो मु यमंत्री इसी जिले से हैं। लोग और पार्टी का हर कार्यकर्ता मु यमंत्री के साथ है। पूर्व में कांग्रेस प्रत्याशियों की हार के कारण जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले ओपी रतन और नरेंद्र ठाकुर सरीखे ऐसे नेताओं ने लोकसभा का चुनाव लड़ा जो दूसरे दलों से आए हुए थे ऐसे में संगठन के लोगों में इस बात की नाराजगी कई बार रहती है। लेकिन इस बार क्योंकि वे संगठन के आदमी है इसलिए पूरी कांग्रेस उनके साथ है और संगठन को एक्टिव करना वे जानते हैं। रायजादा भाजपा सांसदों को घेरते हुए कहा कि जब प्रदेश में आपदा के दौरान केंद्र में आवाज उठाने का समय था तो सब हाईकमान के आगे मूक बने रहे और अब जब चुनाव लडऩे की बारी आई है तो कहते हैं कि मोदी के नाम पर वोट लेंगे। रायजादा ने कहा कि प्रदेश की जनता अब भोली नहीं है। लोग सब जानते हैं कि कौन दुख में हमारे साथ खड़ा हुआ है। जब आपदा में जनता को पैसे देने की बारी थी तो भाजपा तमाशा देखती रही लेकिन विधायकों को खरीदने के लिए पैसे निकल आए। उपचुनावों में भाजपा से बगावत करने वालों को लड़ाने या फिर उनसे किसी तरह का सहयोग लेने के सवाल पर रायजादा ने कहा कि जो बीजेपी ने किया यदि हम भी ऐसा करेंगे तो उनमें और हममें क्या फर्क रह जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़कर वही लोग भागे हैं जो करप्ट थे। उन्होंने कहा कि उपचुनावों और लोकसभा के आम चुनावों में कांग्रेस जीत का परचम लहराएगी।

देवभूमि में स्थापित है दक्षिण-द्रविड़ शैली में बना एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर जिसे बनने में लग गए थे 39 साल

सोलन. #Jatoli Mhadev Mandir... देवभूमि कहे जाने वाले पहाड़ी राज्य हिमाचल का ऐसा कोई कोना नहीं होगा जहां देवी देवताओं का वास ना हो. इस पावन धरा पर सुसज्जित देवालयों और खासकर शिवालयों का कोई ना कोई इतिहास रहा है. देवभूमि के यह मंदिर अपनी सुंदरता के साथ-साथ लाखों भक्तों के लिए आस्था का केंद्र भी वर्षों से बने हुए हैं. ऐसे ही शिवालियों में शुमार है सोलन जिले का जटोली महादेव शिव मंदिर.  जटोली शिव मंदिर भारत का ही नहीं बल्कि पूरे एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर हैं। इसकी ऊंचाई लगभग 111 फुट है। 2013 में इसे दर्शनार्थ खोला गया था। यहां दूर-दूर से भक्त, भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। यहां महाशिवरात्रि के दिन अपनी कामनाओं की पूर्ति के लिए भारी संख्या में शिव भक्त उमड़ते हैं। वास्तुकला की दृष्टि से भी यह एक अद्भुत मंदिर है।

जटोली मंदिर, राजगढ़ रोड पर स्थित है, और यह सोलन से लगभग 8 किमी दूर है। इस मंदिर को लेकर ये मान्यता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव यहां आए थे और कुछ समय के लिए रहे थे। बाद में 1950 के दशक में स्वामी कृष्णानंद परमहंस नाम के एक बाबा यहां आए, जिनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हुआ। साल 1974 में उन्होंने ही इस मंदिर की नींव रखी थी। हालांकि, साल 1983 में उन्होंने समाधि ले ली, लेकिन मंदिर का निर्माण कार्य रूका नहीं बल्कि इसका कार्य मंदिर प्रबंधन कमेटी देखने लगी।

जटोली शिव मंदिर में एक हैरान कर देने वाली विशेषता यह है कि इसके पत्थरों को थपथपाने से डमरू की आवाज आती है। यह मंदिर दक्षिण-द्रविड़ शैली में बना हुआ है। इसे बनाने में पूरे 39 वर्ष का समय लगा था। मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा एक विशाल सोने का कलश भी स्थापित है, जो इसकी सुंदरता को और भी बढ़ा देता है।

इस मंदिर में हर तरफ विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं, जबकि मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग स्थापित है। इसके अलावा यहां भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां भी स्थापित की गई हैं।
जटोली मंदिर के पीछे मान्यता है कि पौराणिक समय में भगवान शिव यहां आए और कुछ समय के लिए यहां रहे थे। बाद में सिद्ध बाबा श्रीश्री 1008 स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने यहां आकर तपस्या की। उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देश पर ही जटोली शिव मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। मंदिर के कोने में स्वामी कृष्णानंद की गुफा भी है।

मंदिर के पूर्वोत्तर कोने पर एक पवित्र सरोवर है, जिसे ‘जल कुंड’ कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस सरोवर के पानी में कुछ औषधीय गुण हैं, जो त्वचा रोगों का इलाज कर सकते हैं।यह मंदिर अपने वार्षिक मेले के लिए भी प्रसिद्ध है, जो महाशिवरात्रि के त्यौहार के दौरान आयोजित किया जाता है। मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होते हैं।

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