Sunday Special : ओ जी.जी..क्या कहके उनको बुलाओगी दूल्हा बनके जो आएंगे…दो पहाड़न बहनों का अंदाज देखिये

10 नवंबर 2006 को रिलीज़ हुई हिंदी मूवी विवाह उस वक्त की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। बताते हैं कि विवाह उस साल दसवीं सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फि़ल्म थी। फिल्म को लेकर समीक्षकों ने अपने-अपने ढंग से प्रतिक्रियांए दी थीं लेकिन इस फिल्म में अभिनेता शाहिद कपूर और अभिनेत्री अमृता राव ने जो रोल प्ले किया था वो आज तक दर्शकों के ज़हन में है। फिल्म की कहानी में जो सबसे बड़ा संदेश था वो यह था कि जहां दहेज के लालच में बहुओं का जलाने की घटनाएं सामने आती थीं वहीं इस फिल्म में दिखाया गया था कि किस तरह शादी से एक दिन पहले मायके में हुए एक अग्निकांड में फिल्म अभिनेत्री बुरी तरह झुलस जाती है उसका पूरा जिस्म जल जाता ह उसके बावजूद ससुराल पक्ष वाले रिश्ता तोडऩे के बजाये अस्पताल में ही तय समय के अनुसार पूरी रस्मों से शादी करवाते हैं और बाद में दुल्हन को अपने घर लेकर जाते हैं।

 

फिल्म में दो चचेरी बहनों का प्रेम दर्शाया गया है। उसमें जब अमृता राव की सगाई हो जाती है तो उसकी छोटी बहन उससे सवाल करती है कि आप अपने पति यानि शाहिद कपूर को शादी के बाद क्या कहकर बुलाओगी। फिल्म का यह गीत काफी सुपरहिट रहा था। उसकी गीत को पहाड़ की दो बहनों ने इस तरह से फिल्माया है कि सोशल मीडिया पर यह गीत खूब वायरल हो रहा है।

तेलुगु में भी डब हुई थी विवाह… 
इस फिल्म में शाहिद कपूर और अमृता राव के प्रदर्शन ने उन्हें स्क्रीन अवाड्र्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए नामांकन दिलाया। विवाह सिनेमा और इंटरनेट (प्रोडक्शन कंपनी की आधिकारिक साइट के माध्यम से) में एक साथ रिलीज़ होने वाली पहली भारतीय फिल्म है। बाद में इस फिल्म को तेलुगु में भी डब किया गया।

शिव की शक्ति स्वरूपा माँ शुलिनी अपनी बहन से मिलने पहुंची, सोलन में मनाया गया राज्य स्तरीय मेला

सोलन. राज्य स्तरीय मां शुलिनी मेला सोलन में बड़े ही धूमधाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। संस्कृतिक संध्याओं में पहाड़ी पंजाबी और हिंदी गायक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां देकर खूब समा बांधा । माँ शूलिनी देवी के इतिहास पर नजर डालें तो मां शुलिनी को भगवान शिव की शक्ति माना जाता है। कहते हैं जब दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से सभी देवता और ऋषि-मुनि तंग हो गए थे, तो वे भगवान शिव और विष्णु जी के पास गए और उनसे सहायता मांगी थी। तो भगवान शिव और विष्णु के तेज से भगवती दुर्गा प्रकट हुई थी। जिससे सभी देवता खुश हो गए थे और अपने अस्त्र-शस्त्र भेंट करके दुर्गा मां का सम्मान किया था। इसके बाद भगवान शिव ने त्रिशूल से एक शूल देवी मां को भेंट किया था, जिसकी वजह से देवी दुर्गा मां का नाम शूलिनी पड़ा था…

कालका व शिमला के मध्य बसे सोलन का नाम मां शूलिनी देवी के नाम पर पड़ा। माता शूलिनी सोलन की अधिष्ठात्री देवी हैं। देवी भागवत पुराण में मां दुर्गा के असंख्य नामों में शूलिनी नाम भी शामिल है। दशम गुरु गोबिंद सिंह जी ने भी शूलिनी नाम से ही देवी की आराधना की है। मां शूलिनी की अन्य बहनें हैंः हिंगलाज, लुगासनी, जेठ ज्वाला, नाग देवी, नैना देवी, तारा देवी। इन सभी को ही दुर्गावतार माना गया है। माता शूलिनी साक्षात देवी मां दुर्गा का स्वरूप है। शूलिनी देवी को भगवान शिव की शक्ति माना जाता है। कहते हैं जब दैत्य महिषासुर के अत्याचारों से सभी देवता और ऋषि- मुनि तंग हो गए थे, तो वे भगवान शिव और विष्णु जी के पास गए और उनसे सहायता मांगी थी। तो भगवान शिव और विष्णु के तेज से भगवती दुर्गा प्रकट हुई थी। जिससे सभी देवता खुश हो गए थे और अपने अस्त्र-शस्त्र भेंट करके दुर्गा मां का सम्मान किया था। इसके बाद भगवान शिव ने त्रिशूल से एक शूल देवी मां को भेंट किया था, जिसकी वजह से देवी दुर्गा मां का नाम शूलिनी पड़ा था। ये वही त्रिशूल है, जिससे मां दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था।

माता शूलिनी देवी के नाम से सोलन शहर का नामकरण हुआ था जोकि मां शूलिनी की अपार कृपा से दिन-प्रतिदिन समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहा है। सोलन नगर बघाट रियासत की राजधानी हुआ करता था। इस रियासत की नींव राजा बिजली देव ने रखी थी। बारह घाटों से मिलकर बनने वाली बघाट रियासत का क्षेत्रफल 36 वर्ग मील में फैला हुआ था। इस रियासत की प्रारंभ में राजधानी जौणाजी तदोपरांत कोटी और बाद में सोलन बनी। राजा दुर्गा सिंह इस रियासत के अंतिम शासक थे। रियासत के विभिन्न शासकों के काल से ही माता शूलिनी देवी का मेला लगता आ रहा है।

Himachal Pradesh के स्कूली छात्रों को साईंटिस्ट बनाएगी शूलिनी यूनिवर्सिटी, अनुसंधान पर शुरू किया कार्यक्रम

सोलन. बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साईंस में अग्रणी हिमाचल प्रदेश के कसौली में स्थित शूलिनी यूनिवर्सिटी अनुसंधान के क्षेत्र में काम कर रहे प्रदेशभर के अग्रणी स्कूलों को रिसर्च के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है। यूनिवर्सिटी ने स्कूलों को रिसर्च के लिए अपनी लैब बच्चों को अनुसंधान के लिए प्रेरित करने हेतु वर्कशाप करवाने इत्यादि के लिए खुला ऑफर दिया है। इस दिशा में यूनिवर्सिटी प्रदेश के हर जिला में जाकर वहां के अग्रणी स्कूलों के साथ कॉन्क्लेव करवा रही हैं जिसमें स्कूलों को अनुसंधान पर जोर देने के लिए कहा जा रहा है। इसी कड़ी में शनिवार को जिला मु यालय हमीरपुर स्थित होटल हमीर में शूलिनी यूनिवर्सिटी की ओर से एक सेमीनार का आयोजन किया गया। इसमें जिलाभर के 33 स्कूलों से प्रिंसीपल और डायरेक्टर्स ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। मु यातिथि के रूप में हिम अकादमी के संस्थापक और डायरेक्टर प्रो. आरसी लखनपाल ने शिरकत की। उन्हें यूनिवर्सिटी की ओर से लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से स मानित किया गया।

 

प्रदेश पब्लिक इंटरनेशनल स्कूल ऑफ साइंसेज के संस्थापक प्राचार्य डॉ. रजनीश कंवर, ब्लू स्टार के निदेशक विकास दीक्षित समेत सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों को शिक्षा क्षेत्र के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए शिक्षा भूषण पुरस्कार से स मानित किया गया। इस कार्यक्रम में वर्चुअली तौर पर शिरकत करने वाले शूलिनी यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो. पी.के. खोसला ने संस्थान की अबतक की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इनोवेशन और हार्ड वर्क से लीक से हटकर सोचने व कार्य करने से व्यक्ति बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। कॉन्क्लेव की शुरुआत शूलिनी विश्वविद्यालय में आउटरीच की निदेशक शिखा सूद ने सबके स्वागत से की। इसके बाद सेंटर फॉर लीडरशिप कोचिंग की उप निदेशक और प्रमुख पायल खन्ना के नेतृत्व में एक आकर्षक सत्र हुआ, जिन्होंने शूलिनी की कहानी साझा की। शूलिनी विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. लोकेंद्र कुमार ने स्कूलों में अनुसंधान को बढ़ावा देने पर एक सत्र आयोजित किया। कार्यक्रम का समापन संस्थान के लीलाधर के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिन्हें ऐसे स मेलनों की अहम कड़ी के रूप में जाना जाता है।

2023 से शुरू किया ऐसे सेमिनार का आयोजन
प्राइवेट यूनिवर्सिटी में देशभर में नंबर वन का रैंक और ऑलओवर नंबर 12 के रैंक पर चल रही शूलिनी यूनिवर्सिटी ने स्कूलों को अनुसंधान के प्रति जागरूक करने के लिए इस तरह के सेमिनार की शुरुआत वर्ष 2023 से की है। जिला मंडी और बिलासपुर के घुमारवीं में ऐसे कॉन्क्लेव करवाए जा चुके हैं। इस बार हमीरपुर में इसका आयोजन हुआ। भविष्य में पूरे प्रदेश में ऐसे आयोजन यूनिवर्सिटी करवाएगी। संस्थान की मानें तो बच्चों को रिसर्च के क्षेत्र में आगे लाने और उनके द्वारा अपने पेटेंट तैयार करवाने के लिए यह पहल की गई है ताकि वे नौकरी से हटकर भी सोच सकें। यूनिवर्सिटी स्कूलों को हर सुविधा प्रदान करेगी।

कंगना रनोट को CISF जवान ने जड़ा थप्पड़, सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान चंडीगढ़ एयरपोर्ट की घटना

चंडीगढ़ । बॉलीवुड अभिनेतत्री एवं मंडी संसदीय क्षेत्र से हाल ही में बीजेपी की टिकट पर चुनावी जीतीं कंगना रनोट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की जवान ने थप्पड़ झड़ दिया। थप्पड़ मारने का पता चलते ही सीआईएसएफ की जवान को हिरासत में ले लिया गया है। उससे पूछताछ की जा रही है कि आखिर उसने थप्पड़ क्यों मारा।
वीरवार को यह घटना उस वक्त पेश आई जब कंगना चंडीगढ़ एयरपोर्ट से दिल्ली जा रही थी। बताते हैं कि सिक्योरिटी चैकिंग के दौरान किसान आंदोलन को लेकर कंगना द्वारा पंजाब की महिलाओं पर टिप्पणी को लेकर दोनों में बहस हुई जिसके बाद महिला जवान ने उन्हें थप्पड़ मार दिया।

बताते हैं कि कंगना के साथ यात्रा कर रहे एक व्यक्ति ने भी सीआईएसफ जवान को थप्पड़ मारने की कोशिश की। इस घटना के बाद काफी हलचल मच गई है। दरअसल कंगना हाल ही में हिमाचल की मंडी सीट से सांसद चुनी गई हैं।

पांचवीं बार हमीरपुर के हुए अनुराग, कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल राजयादा को 182357 मतों से हराया

हमीरपुर . अनुराग ठाकुर एक ऐसा नाम जिन्होंने वर्ष 2008 में हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में अंगद की तरह ऐसा पांव टिकाया जिसे कांग्रेस पिछली चार टर्म में भी उसे हिला नहीं सकी।  इस दफा पांचवीं बार भी कांग्रेस का प्रयास असफल रहा और अनुराग ठाकुर पांचवीं बार हमीरपुर संसदीय सीट से सांसद चुन लएि गए। … Read more

अनुराग ठाकुर पांचवीं बार जीतकर जब घर पहुंचे तो पिता के गले लगकर हुए भावुक

हमीरपुर। हमीरपुर से लगातार 5वीं बार सांसद बन चुके अनुराग ठाकुर उन बेटों में शुमार हैं जिनका नाम आते ही उनके पिता का जिक्र होना भी लाजमी हो जाता है। वैसे उनके पिता प्रेम कुमार धूमल दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और किसी पहचान के मोहताज नहीं है। मंगलवार को हमीरपुर लोकसभा … Read more

error: Content is protected !!